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जलवायु

धार जिले की जलवायु सुखद है | जिला वर्षा ऋतू को छोड़कर सामान्यतः शुष्क रहता है | वर्ष को चार सत्रों में विभाजित किया जा सकता है । मार्च से लेकर जून के मध्य तक गर्मी के मौसम के बाद मानसून आ जाता है जो सितंबर के अंत तक होता है। अक्टूबर और नवंबर को मानसून के बाद के मौसम के रूप में कहा जा सकता है। दिसंबर से फरवरी की अवधि में ठंड का मौसम होता है। जिले में कोई मौसम संबंधी वेधशाला नहीं है।

वर्षा

धार जिले में औसत वार्षिक वर्षा 833.1 मिली मी. होती है | जिले के दक्षिणी तथा दक्षिण-पूर्वी भाग में अन्य भागों से कम वर्षा होती है किन्तु मांडू क्षेत्र के दक्षिणी भाग में वर्षा बहुत अधिक होती है | जिले में होने वाली लगभग 91 प्रतिशत वर्षा दक्षिण पश्चिमी मानसून मौसम में होती है जो माह जून से सितम्बर अंत तक होती है |

तापमान

धार जिला शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है | फरवरी के बाद तापमान में लगातार वृद्धि होती है | मई सबसे गर्म माह होता है | जिसमें माध्य दैनिक अधिकतम तापमान लगभग 40 डिग्री होता है | ग्रीष्म ऋतू में तापमान 44-45 डिग्री तक बढ़ जाता है | दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने से जून के लगभग दुसरे सप्ताह से तापमान में काफी कमी आ जाती है और मौसम शीतल व सुखद हो जाता है | सितम्बर में मानसून के लौट जाने पर तापमान पुनः बढ़ने लगता है एवं अक्टूबर के द्वितीयक में तापमान अधिकतम रहता है | अक्टूबर के बाद दिन एवं रात का तापमान लगातार गिरने लगता है एवं जनवरी माह में तापमान वर्ष के न्यूनतम स्तर पर रहता है | इस दौरान दैनिक अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेंटीग्रेड एवं न्यूनतम 10 डिग्री सेंटीग्रेड होता है | उत्तरी भारत के आसपास गुजरते हुए पश्चिमी दिशाओं के तेज में शीत लहरों से जिला प्रभावित होता है और न्यूनतम तापमान कभी-कभी जल के हिमांक के निकट तक पहुँच सकता है |

आर्द्रता

वर्षा ऋतू को छोड़कर जबकि आर्द्रता अधिक रहती है, जिले का वातावरण सामान्यतः शुष्क रहता है | वर्ष का शुष्कतम भाग ग्रीष्मकालीन होता है, जब आपेक्षिक आर्द्रता 20 प्रतिशत से भी कम होती है |

मेघाच्छन्नता

वर्षा ऋतू को छोड़कर जब आकाश में बहुत बादल छाये होते हैं या आकाश मेघाच्छन्न होता है, आकाश स्वच्छ रहता है या उसमें हल्के बादल छाये होते हैं |

हवाएं

मानसूनोत्तर काल में तथा शीत ऋतू में हवाएं सामान्यतः हल्की होती है और ग्रीष्म एवं वर्षा ऋतू में तेज होती है | वर्षा ऋतू में हवाएं अधिकांशतः दक्षिण-पश्चिम के बीच की दिशा में बहती हैं | मानसूनोत्तर तथा शीत ऋतू में हवाएं मुख्यतः उत्तर-पूर्वाभिमुख या पूर्वाभिमुख होती है | मार्च तक दक्षिण-पश्चिम तथा उत्तर पश्चिम के बीच की दिशाओं को बहने वाली हवाएं चलती हैं तथा अप्रैल तक अभिभावी हो जाती हैं तथा गर्मी और मानसून के मौसम के शेष भाग में जारी रहती है |

मौसम सम्बन्धी विशेषता

मानसून के मौसम के दौरान और कुछ हद तक मनसूनोत्तर मौसम के दौरान अवनमन से जो बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न होता है तथा देश के आरपार चलता है, इस जिले में भारी वर्षा होती है तथा तेज हवाएं चलती हैं | सभी महीनों में झंझावात की संभावना बनी रहती है, यद्यपि मनसूनोत्तर तथा शीत ऋतू में वे वर्ष के शेष भाग की अपेक्षा विरले ही होती हैं | शीत ऋतू में समय समय पर कोहरा पड़ता है |

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