रूपमती महल
365 मीटर ऊँची खड़ी चट्टान पर स्थित इस महल का निर्माण बाजबहादुर ने रानी रूपमती के लिए कराया था। इसी के साथ ही सैनिकों के लिए मांडू की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के बेहतर स्थान के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता था।
कहा जाता है कि रानी रूपमती सुबह ऊठकर माँ नर्मदा के दर्शन करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती थी। अत: रूपमती के नर्मदा दर्शन को सुलभ बनाने हेतु बाजबहादुर ने ऊँचाई पर स्थित इस महल का निर्माण कराया था।
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कैसे पहुंचें:
बाय एयर
मांडू एक छोटा सा शहर है लेिकन फिर भी यहां तक वायु मार्ग के द्वारा इंदौर के रास्ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मांडू का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर हवाई अड्डा है जो मांडू से 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ाने भरी जाती है जिनमें दिल्ली, मुम्बई, ग्वालियर और भोपाल शामिल है।
ट्रेन द्वारा
इंदौर निकटतम रेलवे स्टेशन है जो भारत के प्रमुख स्टेशनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क के द्वारा
मांडू से राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग दोनों ही अच्छी तरह जुड़े हुए है। इस शहर से भारत के महत्वपूर्ण शहरों के लिए बसें आसानी से मिल जाती है। मांडू, धार और इंदौर से अच्छी तरह कनेक्ट है। मांडू से इंदौर व धार के लिए नियमित रूप से बसें चलती रहती है। कार को भी इंदौर और धार से किराए पर ले जाया जा सकता है।