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आत्मा को बलवती बनाने के लिए योग, प्राणायाम एवं ध्यान आवश्यक है – अपर कलेक्टर श्री रावत

आत्मा को बलवती बनाने के लिए योग, प्राणायाम एवं ध्यान आवश्यक है। यह बात शासकीय औघोगिक प्रशिक्षण संस्था धार में आयोजित 3 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर अपर कलेक्टर श्री अश्विन कुमार रावत ने आये प्रतिभागागियों के समक्ष कहीं। ज्ञात हो इस 3 दिवसीय में कान्हाशांतिवनम हैराबाद हार्टफुलनेस, मध्यप्रदेश योग आयोग भोपाल एवं शासकीय औघोगिक प्रशिक्षण संस्था धार द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से एडीएम श्री रावत, आरआईआर श्री पुरूषोत्तम विश्नोई, जिला योग समिति अध्यक्ष श्री जगदीश शर्मा, योग प्रभारी श्री रमेशचन्द्र कश्यप, हार्टफुलनेस प्रशिक्षक के रूप में श्री हाकुमसिंह ठाकुर श्री राम गोपाल शर्मा श्री बाबुलाल पाटीदार, कान्हाशांतिवनम हैदराबाद से विमला बहन, अहमदाबाद सूरत से मुंजला बहन उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में एडीएम श्री रावत ने कहा गया कि अपनी आत्मा को बलवती एवं शक्ति पूर्ण बनाने के लिए एवं हर समय उर्जा के रूप में कार्य करने के लिए इस शरीर को आज योग, प्राणायाम एवं ध्यान की आश्यकता है। अपनी इच्छा शक्ति, यादाष्त एवं तमाम बिमारियों से दूर रहने के लिए इस शरीर को ईश्वर से जोडने से हमें काफी लाभ प्रदान होता है। प्रशिक्षण में आरआईआर श्री विश्नोई ने कहा कि मैंने इस योग, प्राणायाम एवं प्रार्थना को अपने जीवन में उतारा है एक बदलाव एक एनर्र व अपने कार्य के प्रति पूरी उर्जा बनी रहती है। मैं जल्दी सुबह उठकर यह कार्य कर लेता है, सभी को इस प्रशिक्षण से लाभ लेना चाहिये। अंमित दिवस के प्रशिक्षण के शुभारंभ में औम उच्चारण, प्रार्थना, गुरू एवं ईश्वर को प्रणाम करके श्री जगदीश शर्मा, एवं श्री रमेशचन्द्र कश्यप के द्वारा अपने संवाद केच साथ तमाम बिमारीयों को दूर करने वाले आसनो की जानकारी देते हुए वार्मअप के आसानों का अभ्यास कराया गया। जिसमें पदमासन, वज्रासन, मत्स्यासन, वक्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्नासन, सूर्य नमस्कार करायेगये । उसके पश्चात लोमस अनुलोम, भ्रस्त्रिका, मंडूकासन आदि आसनो के पश्चात, शवासन के बाद श्री हाकमसिंह ठाकुर के द्वारा प्रार्थना के क्षण में प्रार्थना, सफाई एवं ध्यान के मुख्य तीन क्रियाओं का प्रशिक्षण दिया गया। अंत में आये सभी प्रतिभागियों का श्रीराम गोपाल शर्मा द्वारा आभार माना और कहा कि आज आप यहा आये है यहॉ से सीखकर आपको अपने आस-पास मोहल्ले में स्कूलो में जहॉ भी आप इसका उपयोग करके दूसरो को लाभ पहुचा सकेगे।

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