आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहद आदेश जारी
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री प्रियंक मिश्रा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत शक्तियों के तहत जिले में निवासरत् आम नागरिकों बच्चों के जीवन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए, केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिये गए दिशा निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु सम्पूर्ण जिले की राजस्व सीमा से लगे समस्त ग्रामों एवं शहरों के लिए निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
ज्ञात हो कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, जलसंसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 13 जुलाई 2021 को जारी सार्वजनिक सूचना और माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन में पारित गाईड लाईन के अनुपालन में म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं को रोके जाने के संबंध में दिशा निर्देश दिये गये है। आये दिन छोटे बच्चों के गिरने एवं दुर्घटना में उनकी मृत्यु होने की सूचनाएं संज्ञान में आती है तथा उक्त घटनाएं अत्यन्त दुःखद होकर असहनीय होती है।
म.प्र. शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एक पोर्टल विकसित किया जायेगा। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत जनपद पंचायत ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकाय द्वारा नवीन नलकूप खनन की जानकारी, नलकूप खनन मशीनों का पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदारों की जानकारी तथा अनुपयोगी एवं खुले नलकूपों की जानकारी पोर्टल के माध्यम से संधारित की जायेगी तथा इसकी मॉनिटरिंग संबंधित निकाय द्वारा की जावें। आदेश के तहत अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय की गाईड लाईन के अनुसार ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय निकायवार अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित रूप से बंद करने की कार्यवाही तत्काल की जावें। नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल खनन करने से कम से कम 15 दिवस पूर्व भूमि परिसर के मालिक ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में संबंधित नगर पालिका/नगर परिषद् में लिखित सूचना देना अनिवार्य होगा। सरकारी अर्द्ध-सरकारी निजी आदि सभी ड्रिलिंग एजेंसियों को नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल हेतु पंजीकरण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जिला धार से कराना अनिवार्य होगा। कुऐ के पास निर्माण के समय साईन बोर्ड लगाना अनिवार्य रहेगा। जिसमें कुऐ के निर्माण पुनर्वास के समय ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता दूरभाष नम्बर सहित, उपयोगकर्ता एजेंसी कुऐ के मालिक का पूरा पता दूरभाष नम्बर सहित, निर्माण के दौरान फटीले सार की बाढ़ लगाना या कुऐ के चारों ओर कोई अन्य उपयुक्त अवरोध लगाना अनिवार्य होगा। कुऐ के आवरण के चारों ओर सीमेंट/कांक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण कराना होगा। वेल्डिंग, स्टील प्लेट द्वारा वेल असेंचली की कैपिंग या बोल्ट और नट्स के साथ केंसिंग पाईप को एक मजबूत कैप प्रदान किया जावे। पम्प की मरम्मत के मामले में नलकूप बोरवेल/ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जावें। काम पूरा होने के बाद मिट्टी के गड्ढों और नालियों को भरा जायें।
अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल/ट्यूबवेल को मिट्टी/रेत/बोल्डर कंकड/ड्रिल कंटिंग आदि से नीचे से जमीनी स्तर तक भरा जावे। किसी विशेष स्थान पर ड्रिलिंग कार्य पूरा होने पर, ड्रिलिंग शुरू होने से पहले की जमींनी स्थिति को बहाल किया जावें।
उन्होंने समस्त अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को यह सत्यापित करने के लिए अधिकृत किया है । वह इसका पालन करवाना सुनिश्चित करें। संबंधित राज्य/केन्द्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की स्थिति के बारे में समय-समय पर उचित जांच करें। ड्रिल किए गए नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की, जिला/ब्लॉक गांववार स्थिति, उपयोग में आने वाले कुओं की संख्या, पाये गए अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की संख्या जमीनी स्तर तक ठीक से भरे हुए, अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की संख्या और जमीनी स्तर तक भरे जाने वाले अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की शेष संख्या आदि की जानकारी संबंधित स्थानीय निकाय स्तर पर संधारित किया जायें। यदि किसी नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल को किसी भी स्तर पर अनुउपयोगी किया जाता है, तो उपरोक्त एनसियो द्वारा भूजल/जनस्वास्थ्य/नगर निगम निजी ठेकेदार आदि के संबंधित विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा कि अनुउपयोगी नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल ठीक से जमीनी स्तर तक मिट्टी से भरा हुआ ढका हुआ है, अनुपयोगी कुओं का आकस्मिक निरीक्षण भी संबंधित एजेंसी विभाग के कार्यपालक द्वारा किया जावें। सभी डाटा की जानकारी जिले के समस्त स्थानीय निकाय द्वारा रजिस्टर में इन्ट्री कर रखी जावे। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों की धारा के अनुसार, यदि यांत्रिक विफलता के कारण मोजूदा कुओं निष्क्रिय हो जाता है, तो बोरवेलकर्ता भूमि परिसर के मालिक द्वारा, निष्क्रिय कुऐ को ठीक से सील कर दिया जावें तथा इस संबंध में प्रमाण प्रस्तुत किया जावें। अनुविभागीय दण्डाधिकारी नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल उत्खनन की अनुमति आवेदन आने पर संबंधित नगर पालिका नगर परिषद् ग्राम पंचायत एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से आवश्यक अभिमत प्राप्त करने के उपरांत ही अनुमति जारी करेंगे। इस आदेश के किसी भी दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस आदेश की सूचना सर्वसाधारण को भी क्षेत्र में यथासंभव ध्वनि विस्तारक यंत्रो के माध्यम से दी जावें। इसके अतिरिक्त सर्वसाधारणजनों की जानकारी के लिए आदेश की प्रति जिला कार्यालय, समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय, नगर पालिकानगर परिषद् कार्यालय, नगर पंचायत कार्यालय, तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत एवं समस्त पुलिस थानों के नोटिस बोर्ड पर एवं सहगोचर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर प्रदर्शित की जायें।