आपदा प्रबंधन की बैठक में बोले कलेक्टर प्रियंक मिश्रा – कुशल प्रबंधन से रोकी जा सकती है जान-माल की हानि
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों में समन्वय होना चाहिए। जिले में बाढ़ की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों व पूर्व तैयारियों के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक कलेक्टर श्री मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। इसमें कलेक्टर ने कहा कि कुशल प्रबंधन से आपदा के दौरान जान-माल की हानि को रोका जा सकता है। कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों में समन्वय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र को सक्रिय बनाने के लिए कोटवार, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तथा अन्य कर्मचारियों का नेटवर्क तैयार कर सक्रिय रखने के निर्देश दिए ताकि आपदा की तुरंत सूचना प्राप्त हो और जल्द से जल्द राहत की कार्यवाही की जा सके। आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए शासकीय भवनों एवं स्थानों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए ताकि अस्थायी शिविर बनाए जा सकें। नर्मदा किनारे के गोताखोरों के मोबाइल नम्बर व नाव की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सम्पर्क किया जाए। कलेक्टर श्री मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य अमले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर, ओआरएस घोल, उल्टी दस्त की दवाइयां आदि पर्याप्त मात्रा में रखी जाएं। जिले में बाढ़ आपदा के समय पहुंचविहीन ग्रामों में दवाओं का स्टॉक व डॉक्टर्स की व्यवस्था पूर्व से ही की जाए। उन्होंने ने कहा कि बाढ़ एवं आपदा की सूचना के लिए जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसके साथ ही सभी अनुभागों में कन्ट्रोल बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा की तत्काल सूचना प्राप्त हो सके और राहत एवं बचाव की कार्यवाही की जा सके। आपदा प्रबंधन को लेकर रिसोर्स की पहले से प्लानिंग तैयार लेवें। आपदा प्रबंधन को लेकर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाना है, उनके ड्यूटी ऑर्डर समय पर जारी कर देवें। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सविता झानिया, एडीएम अश्विनी कुमार रावत, सभी जिला अधिकारी व सभी एसडीएम वर्चुअली जुडे थे। बैठक में उन्होंने कहा की आपदा प्रबंधन को लेकर होमगार्ड अपनी पूरी टीम के साथ सभी व्यवस्था रखें। इसके साथ ही विभागवार अधिकारियों को भी दायित्व सौपें। पूर्व के अनुभव से ऐसे स्थान जहॉ पर टापू बन जाता है वहॉ की कमियों को दुरुस्त कर व्यवस्था करें। एसडीएम मनावर एवं कुक्षी अपनी पूरी व्यवस्था रखें। साथ ही सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक का आयोजन करें लें। जिले के सभी वेस्टवेयर की लिस्ट तैयार करें। कलेक्टर श्री मिश्रा ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करें। उन्होंने कहा कि अस्थाई शिविर कन्ट्रोल रुम, कैम्प, स्थानीय निकाय एवं थाने के नम्बर अनिवार्य रुप से होना चाहिए। भोजन एवं पेयजल कैसे उपलब्ध होगा उसे भी शामिल करें। प्रभावित ग्रामों में बाढ़ संबंधी आपदा से राहत हेतु वहां उसके गांव के सरपंच, सचिव, पटवारी एवं शिक्षक के मोबाईल नम्बर उस तहसील के कन्ट्रोल रूम में एक बुकलेट के रूप में होना चाहिये । तहसीलदार उन गांवों को अभी से ही चिन्हांकित कर सूची बना लेवे, जो नदी, नालों के किनारे है, एवं बाढ़ से प्रभावित हो सकते है। अतिवर्षा के समय प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने हेतु ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर सत्यापन कर लेवें।