उद्यानिकी विभाग
12 फरवरी 1982 को, राज्य में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने और संतुलित आहार प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के तहत बागवानी और फार्म वानिकी निदेशालय की स्थापना की गई थी। ताकि राज्य को बागवानी के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके और राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। मध्य प्रदेश सरकार ने बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग बनाने के लिए मध्य प्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम और बागवानी और फार्म वानिकी निदेशालय का विलय कर दिया, जो कृषि विभाग से स्वतंत्र है। इसके लिए अधिसूचना 22 दिसंबर 2005 को जारी की गई थी।
उद्देश्य:-
बागवानी के विकास को बढ़ाने के लिए, बड़े किसानों के समूहों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले किसानों और भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए तेज, समय पर, आकर्षक, आकर्षक और उपयोगी होने के लिए आधुनिक युग की जरूरतों के अनुसार योजनाएं बनाना जरूरी है।
- जिले के मालवांचल में आलु , प्याज ,लहसुन, मटर की खेती एंव निमाड़ अंचल में मिर्च ,टमाटर, सौंफ तथा सीताफल की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।
- जिले में प्रत्येक विकासखंड में विभागीय नर्सरी संचालित है, जिसमें कलमी, बीजु,वानिकी ,एंव शौभायमान पौधे तैयार कर शासकीय दरों पर विक्रय किये जाते है।
- जिले के विकासखंड बदनावर में एक्सोटिक फ्रुट क्रॉप स्ट्रॉबेरी की लगभग 50 हेक्टेयर में खेती की जाकर उत्पादन किया जा रहा है।
- जिले में 38800 मैट्रिक टन क्षमता के 7 कोल्ड स्टोरेज संचालित है, जिसमें कृषकों द्वारा उत्पादित उद्यानिकी फसले आलु, चुकन्दर, गाजर एंव लालमिर्च का भण्डारण किया जा रहा है।
जिला स्तरीय संरचना