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उर्जावान रहते हुए जेल में संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यकम का लाभ लेकर आगार्मी भविष्य को उज्जवल बनाए-प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अग्रवाल जिला जेल का निरीक्षण किया

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार अग्रवाल एवं सचिव श्री उमेश कुमार सोनी द्वारा जिला जेल का निरीक्षण किया गया। श्री अग्रवाल द्वारा सर्वप्रथम जेल में निरूद्ध महिला बंदियों से मुलाकात कर उनको मिल रही सुख-सुविधा की जानकारी ली गई तथा समस्याओं को सुना।  निरीक्षण के दौरान एक महिला बंदी के साथ चार वर्षीय अबोध बालक भी पाया गया, जिसे पितृत्व भाव से गोदी में लेते हुए महिला बेरेक प्रबंधक से बच्चे को दिये जाने वाले विशेष पौष्टिक आहार की जानकारी लेते हुए बच्चे का विशेष ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया गया। निरीक्षण की अगली कड़ी में बंदियों की भोजन-शाला का भ्रमण करते हुए तैयार की गई भोजन सामग्री की पौष्टिकता एवं गुणवत्ता को चख कर परखा गया।  इसके पश्चात बंदियों के स्व-रोजगार हेतु प्रशिक्षण कक्ष का निरीक्षण किया गया। कुल 22 बंदी वर्तमान में विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसे-कारपेंटर, मोटर वाइंडिग, फीटर, वेल्डर, आदि का प्रशिक्षण ले रहे है। इस संबंध में जानकारी दी गई कि आगामी माह की 01 तारीख से पांच दिवसीय कारपेंटर के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के पांच अव्वल में से एक उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जावेगा। अगली कड़ी में जेल में संचालित स्कूल, विडियों कांफ्रेंस, डिस्पेंसरी का निरीक्षण कर आवश्यक उपकरण फर्नीचर की उपलब्धता तथा उनके उचित रख-रखाव का जायजा लिया गया।
        निरीक्षण के पश्चात समस्त बंदियों को सम्मिलित करते हुए उत्प्रेरक उदबोधन से संबोधित करते हुए बताया गया कि जेल में निरूद्ध होना यह आपके प्रारब्ध का हिस्सा हो सकता है। इस समयकाल को सकारात्मक भावना के साथ व्यतित करना चाहिए। उर्जावान रहते हुए जेल –में संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यकम का लाभ लेकर आगार्मी भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु अग्रेसित होना चाहिए अथवा एकांतवास करते हुए आत्ममंथन एवं आत्मचिंतन के माध्यम से आध्यात्मिक उर्जा का संग्रहण करना चाहिए। उदबोधन पश्चात बंदियों की यदि कोई समस्या है, तो अवगत कराने हेतु आमंत्रित किया गया।  इस दौरान कुछ बंदी ऐसे भी सामने आए जो हाल ही में जेल प्रविष्ट हुए है किन्तु निर्धनता के कारण प्रायवेट वकील करवाने में असमर्थ है।  उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए मौके पर ही मौजूद एल.ए.डी.सी.एस. अधिकारी को उनके प्रकरण में पैरवी करने हेतु नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश दिये गये।

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