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उर्वरक नगद विक्रय केन्द्र के साथ निजी पंजीकृत दुकानों से टोकन व्यवस्था कर उर्वरकों का वितरण की व्यवस्था कलेक्टर श्री मिश्रा ने उर्वरक की उपलब्धता एवं मांग के संबंध में समीक्षा की

कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा द्वारा शनिवार को  विडीयो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि एवं सहकारिता विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित कर उर्वरक की उपलब्धता एवं मांग के संबंध में समीक्षा की गई। बैठक में उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने बताया कि जिले में रबी सीजन अंतर्गत वर्तमान में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में 10600 मेट्रीक टन यूरिया, 4550 मेट्रीक टन डीएपी, 5070 मेट्रीक टन एन.पी.के.,  16196 मेट्रीक टन सिंगल सुपर फास्फेट, 1703 मेट्रीक टन एम.ओ. पी. इस प्रकार कुल 38218 मेट्रीक टन उर्वरक का स्टॉक सहकारिता एवं निजी पंजीकृत दुकानों पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जिले में उर्वरक आवश्यकता अनुसार उपलब्ध हैं तथा जिले में संचालित सहकारी नगद वितरण केन्द्र पर क्षेत्र के नजदीकी निजी पंजीकृत विक्रेता जिनके पास यूरिया, डीएपी, तथा एन.पी. के उपलब्ध हैं। ऐसे विक्रेता के प्रतिनिधि नगद वितरण केन्द्र पर उपस्थित होकर अधिक भीड़ होने की स्थिति में प्रत्येक कृषकों को समानुपातिक रूप से टोकन देकर धारित रकबे अनुसार उर्वरक वितरण का कार्य शुरू किया गया हैं। इसी प्रकार के जिले के अन्य नगद वितरण केन्द्रो पर भी उर्वरक वितरण व्यवस्था संचालित करने हेतु निर्देशित किया गया हैं। अऋणी एवं डीफाल्टर किसान जमीन संबंधी दस्तावेज, आधारकार्ड लेकर केन्द्र पर उपस्थित होने पर उर्वरक प्रदाय किया जावेगा। साथ ही किसान भाई वर्तमान की नई तकनीक एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुये नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का भी कम खर्चे में उपयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं एवं स्थानीय स्तर पर सहकारिता एवं निजी क्षेत्रों में उपलब्ध उर्वरक के आधार पर किसान भाई विकल्पों का उपयोग करें। गेहूँ फसल में अनुशंसित उपयोग मात्रा प्रति हेक्टेयर 120 किग्रा. नाइट्रोजन, 60 किग्रा. फास्फोरस एवं 40 किग्रा. पोटाश है। इन तत्वों की पूर्ति हेतु फसलों की परिपक्वता की अवधि में विकल्प-1 के रूप में 260 किग्रा. यूरिया, 375 किग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 67 किग्रा. एम.ओ. पी. या विकल्प-2 के रूप में 130 किगा. डी. ए.पी., 210 किग्रा. यूरिया एवं 67 किग्रा. एम.ओ.पी. या विकल्प-3 के रूप में 16:16:16 एन.पी.के. 200 किग्रा., एस. एस.पी. 200 किग्रा. एवं 90 किग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर का उपयोग कर सकते है। आगामी दो दिवस में रतलाम रेक पाईन्ट से 745 मेट्रीक टन 12:32:16 (एन.पी.के.) तथा मांगल्या रेक पाईन्ट से 500 मेट्रीक टन 12:32:16 (एन.पी.के.) उर्वरक प्राप्त होगा इसके साथ ही रतलाम रेक पाईन्ट पर चम्बल फर्टीलाईजर एवं जी.एस.एफ.सी. कम्पनी का यूरिया उर्वरक जिले को प्राप्त होने वाला हैं। मेघनगर रेक पाईन्ट से ईफको कम्पनी एवं मागल्या रेक पाईन्ट से एन.एफ.एल. कम्पनी का यूरिया उर्वरक प्राप्त होगा। किसान भाईयों से अपील हैं कि वर्तमान में मांग अनुसार उर्वरक लगातार प्राप्त हो रहा हैं। उर्वरक की उपलब्धता एवं वैज्ञानिक अनुशंसा अनुसार फसलों में उर्वरक का उपयोग करे। साथ ही किसान भाईयों से अपील की जाती है कि कृषि आदान कय करते समय पक्का बिल अनिवार्य रूप से प्राप्त करे, यदि कोई विक्रेता निर्धारित मुल्य से अधिक कीमत पर उर्वरक विकय करता हैं, तो उसकी सूचना विकास खण्ड स्तर पर कृषि विभाग कार्यालय को देवे।
         कृषक श्री दिनेश जाट निवासी तलवाड़ा, श्री गोकुल निवासी ग्राम खेड़ी, श्री मोहन यादव निवासी नौगांव द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा वितरण केन्द्र पर टोकन के माध्यम से कम समय में उर्वरक उपलब्ध कराया गया। नगद वितरण केन्द्र मार्केटींग सोसायटी धार पर लाईन लगते ही टोकन दिया गया। टोकन लेकर निजी दुकान पर उपस्थित होकर यूरिया खाद उचित दाम पर प्राप्त हुआ। प्रशासन द्वारा जो व्यवस्था की गई वह सरल एवं सुगम हैं।

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