कुपोषित बच्चों की निगरानी में लापरवाही करने वाली पर्यवेक्षकों की विभागीय जांच होगी
महिला एवं बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रतिमाह की 11 से 20 तारीख के बीच आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण के स्तर को जानने के लिए प्रतिदिन 10 प्रतिशत बच्चों का वजन तथा उंचाई-लम्बाई का मापन किया जाता है तथा लिये गये वजन को भारत सरकार के पोषण ट्रेकर एप में दर्ज किया जाता है। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यों को देखने की जिम्मेदारी पर्यवेक्षक की तय की गई है। माह अप्रैल में 15 तारीख को वजन एवं प्रविष्ठि की स्थिति की समीक्षा जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन द्वारा मंगलवार को की गई। समीक्षा में जिले के 14 आंगनवाड़ी केन्द्र में एक भी बच्चे का वजन दर्ज होना नहीं पाया गया। कार्यालय द्वारा उन केन्द्रों की सेक्टर पर्यवेक्षकों को नोटिस दिया गया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा वजन संबंधी एन्ट्री के सत्यापन हेतु अन्य परियोजना के परियोजना अधिकारियों के नैतृत्व में दल गठन कर वजन सत्यापन कराया गया। उन्होंने कहा कि दलों द्वारा वजन सत्यापन में पर्यवेक्षकों की लापरवाही के आधार बनाते हुए उन पर्यवेक्षकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री जैन द्वारा सख्त निर्देश दिये गये हैं कि कुपोषण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर किसी भी स्तर की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। प्रतिमाह निर्धारित तारीख में सही-सही वजन लिया जाकर पोषण ट्रेकर एप में दर्ज करायें । स्थिति में सुधार नहीं होता है तो परियोजनाओं के परियोजना अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी।