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ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित पेयजल योजनाओं के संधारण कार्य में पंचायतें अपनी जवादेही समझें- कलेक्टर श्री मिश्रा

ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित पेयजल योजनाओं के संधारण कार्य में पंचायतें अपनी जवादेही समझें। कुछ क्षेत्रों में गर्मी में पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए अभी से तैयारी करें। जल निगम की राजोद परियोजना का फीडबैक प्राप्त करें । हैंडपंप की जिओटैगिंग करें, इनके बंद होने की जानकारी नक्शे पर प्रदर्शित करें । यह निर्देश कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा ने बुधवार को कलेक्टेªट सभागार में आयोजित ज़िला जल और स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक में दिए। 
     जिले के ऐसे क्षेत्र जहॉ पर सोर्स का पानी सुख जाता है और वहॉ पानी की दिक्कत आती है । उसके लिए अभी से कार्यवाही तय कर ले। जहॉ पर पानी के परिवहन की आवष्यकता लगती है उन सभी का चिन्हिांकन कर लें। एसडीएम जल निगम के कार्यो को देखे इसके लिए नियमिति बैठके आयोजित करें और ग्राउंड लेवल से फिडबैक लें। जल जीवन मिशन के अंतर्गत मार्च तक टाईमलिमिट में कार्य पूरे हो इसके लिए मिशन मोड में कार्य करें। एसडीएम, जनपद सीईओ, एसडीओ पीएचई तथा तहसीलदार का एक ग्रुप बनाए और अपने क्षेत्र में इस कार्य में दिक्कत आने पर उसका तत्काल निराकरण करवाए। गांव में जाकर जल निगम योजना के कार्यो का लोगों से फिडबैक ले। अनुभाग स्तर पर स्कूल ,आंगनवाड़ी को इस योजना में जोडा गया है उनका भी निरीक्षण करें। जिले के ऐसे स्थान जहॉ पर मार्च में पानी की समस्या आती है और बंद हेण्डपम्प को चिन्हित कर मैप पर मार्क कर ले। 
      उन्होंने कहा कि जहॉ पर डकवेल की आवष्यकता है, वहॉ पर पंचायत के द्वारा इस कार्य को करवाए। आंगनवाडी केंद्र में जाकर जनपद सीईओ पेयजल की व्यवस्था को देखें। सभी अधिकारी सीएम हेल्प लाईन में शिकायतों का निराकरण मिषन मोड पर करें। शिकायतकर्ता से चर्चा कर उनका संतुष्टिपूर्ण निराकरण करवाए। जल निगम अंतर्गत राजोद प्रोजेक्ट का कार्य जनवरी माह तक पूर्ण कराए। सभी एसडीएम यह सुनिष्चित करें कि अनके क्षेत्र के बोरवेल ऑपरेटरों का रजिस्टेªशन हो । उनकी बैठक लेकर उन्हें निर्देशित करें की बिना परमिषन के बोर करने वाले पर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने जिले में पंजीकृत सभी बोरिंग कंपनियों के संचालकों को बोरवेल के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।सभी एसडीएम और पीएचई के अभियंताओं को बोर करते समय बोरिंग मशीन के संचालकों की अपनाई जाने वाली सावधानियों पर निरतर नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा कि जिस भी अधिकारी के कार्यक्षेत्र में इस मामले में कोई खामी अथवा लापरवाही पाई जायेगी तो संबंधित अधिकारी को उसके लिए जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की जाएगी। बारेवेल से बचने से संबंधित सुरक्षा उपाय का बोर्ड लगा हुआ होना भी जरूरी है। बोर वाले स्थान पर चारों तरफ तार अथवा रस्सी से फेंसिंग की होनी चाहिए। बोर को चलाने से पहले की अवधि के दौरान पाईप के उपर अच्छी तरह से फिक्स किया गया ढक्कन लगाना भी जरूरी है। इसी प्रकार ट्यूबवेल की मरम्मत के समय भी ट्यूबवेल को अच्छी प्रकार से ढकना होगा। बोर खुला पाने पर न्यायालय के आदेशों की अवहेलना मानकर कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार बोर का कार्य पूरा होने के उपरात मड के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले खड्ढे और दूसरे चैनलों को भी पूरी तरह से मिट्टी से भरना होगा। इसके अतिरिक्त खराब बोरवेल को भी संबंधित किसान, विभाग अथवा एजेंसी द्वारा मिट्टी, रेत या अन्य किसी तरीके से पूरी तरह भरकर बंद करना होगा ताकि बोरवैल में बच्चों आदि के गिरने की घटना से बचा जा सके।बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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