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जिले में उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था

 उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि जिले में खरीफ सीजन में अब तक कुल उर्वरक मात्रा 132825 मेट्रीक टन उपलब्ध हुआ, जिसमें से 96240 मे.टन वितरण होकर 36585 मेट्रीक टन का शेष स्टॉक हैं। विशेषकर वर्तमान समय में कृषकों द्वारा कपास एवं मक्का फसलों में टॉप ड्रेसिंग के रूप यूरिया उर्वरक का उपयोग किया जा रहा हैं। यूरिया उर्वरक खरीफ सीजन में 46152 मे.टन उपलब्ध हुआ।  जिसमें से 40699 मे.टन वितरण होकर शेष 5453 मे.टन उपलब्ध हैं। वर्तमान में विगत दो दिवस से इन्दौर रेक पाईन्ट से चम्बल फटीलाईजर कम्पनी का यूरिया 625 मे.टन ईफको कम्पनी का यूरिया मेघनगर रेकपाईन्ट से 475 मे.टन एवं रतलाम (धोसवास) रेकपाईन्ट से हिन्दुस्तान उर्वरक एण्ड केमिकल्स कम्पनी का 150 मे.टन यूरिया इस प्रकार कुल 1250 मे.टन यूरिया प्राप्त हो रह हैं। इसके साथ ही खरीफ सीजन की फसल 20-25 दिन की अवस्था में होकर वानस्पतिक वृद्धि हो रही हैं, ऐसी स्थिति में किसान भाई नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का 3-5 एम.एल. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करने से लागत कम लगेगी तथा पर्यावरण एवं भूमि को नुकसान भी नहीं होगा।
       कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा के निर्देशानुसार कृषि अधिकारियों का दल गठन किया गया है जो अपने अपने क्षेत्र में उर्वरक वितरण व्यवस्था की निरंतर निगरानी करेगें । साथ ही जिले के 7 डबल लॉक केन्द्रो एवं 11 मार्केटिंग सोसायटीयों के माध्यम से नगद पर उर्वरक वितरण कराया जा रहा है तथा इन केन्द्रो पर अनावश्यक रूप से किसानों की भीड़ नहीं लगे इस हेतु डबल लॉक मुख्यालय पर स्थित 5 टॉप स्टॉक वाले निजी विक्रेताओं के प्रतिनिधि डबललॉक केन्द्रो / मार्केटींग समितियों पर उपस्थित होकर किसानों को पर्ची जारी करेगें व अपने गौदाम से उर्वरकों का विक्रय करने की व्यवस्था भी की गई हैं। जिससे किसानों का सुलभता से उर्वरक प्राप्त हो सकेगा। किसान भाईयों से अपील हैं कि वे वर्तमान में उर्वरकों की निरंतर प्राप्ति हो रही हैं आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक क्रय करे।

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