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जॉयफुल लर्निंग कार्यक्रम: बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर एक सार्थक पहल

धार विकासखण्ड में शिक्षा विभाग धार और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से 1 अप्रैल से 29 अप्रैल 2025 तक ‘जॉयफुल लर्निंग कार्यक्रम’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों में आनंददायक शिक्षण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना और बच्चों के भाषा, गणित, कला एवं खेल के माध्यम से समग्र विकास को प्रोत्साहित करना था , साथ ही समुदाय व विद्यालय के बीच एक अच्छा संबंध बने व बच्चों के नामांकन में वृद्धि हो कार्यक्रम के प्रारंभ में विकासखण्ड की चयनित 27 शालाओं का उन्मुखीकरण ब्लॉक एवं संकुल स्तर पर आयोजित किया गया। तत्पश्चात, एक माह तक सभी विद्यालयों में दैनिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को सीखने के आनंददायक अवसर प्रदान किए गए। भाषा शिक्षण के अंतर्गत बच्चों के मौखिक भाषा विकास, स्वतंत्र पठन तथा लेखन गतिविधियों पर विशेष ज़ोर दिया गया, वहीं गणित को खेल-आधारित तरीके से सिखाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे बच्चे विभिन्न गणितीय अवधारणाओं को सहजता से समझ सकें। BRC व CAC की सतत मॉनिटरिंग के साथ कार्यक्रम को निरंतर मार्गदर्शन मिलता रहा।विकासखण्ड स्रोत समन्वयक श्री भरतराजसिंह राठौर ने शिक्षकों से कहा, “हमारे विद्यालयों में यदि प्रातःकालीन सभा, पुस्तकालय एवं बाल सभा नियमित रूप से संचालित हों, तो एक सकारात्मक और समृद्ध स्कूल संस्कृति का निर्माण संभव है।” अधिकांश विद्यालयों में इस दौरान रीडिंग कॉर्नर स्थापित कर बच्चों को स्वतंत्र रूप से पढ़ने का अवसर भी प्रदान किया गया। 29 अप्रैल को धार विकासखण्ड के 6 संकुलों समापन मेले का आयोजित किया गया, जिनमें 227 बच्चों, 106 शिक्षकों, CAC , सरपंचो, SMC सदस्य व समुदायजन ने भाग लिया। मेलों में बच्चों ने बीते एक माह की गतिविधियों को प्रस्तुत किया – हिन्दी और अंग्रेज़ी की कविताएँ, कहानियों पर अभिनय, खेल गतिविधियाँ और बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टर एवं चित्र, मिट्टी के खिलौने, लिखे गए स्वतंत्र लेख की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी | इस अवसर पर DPC श्री प्रदीप खरेजी और BRC श्री भरतराजसिंह राठौर द्वारा दो संकुलों के विद्यालयों का अवलोकन किया गया। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “शिक्षकों और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से बच्चों में आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित हो रही है। जॉयफुल लर्निंग कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सराहनीय पहल है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस तरह के प्रयास विद्यालयों को केवल शिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि आनंद, खोज और रचनात्मकता के केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायक हैं, इस प्रकार के प्रयास सभी विकासखण्ड में सतत होते रहना चाहिए |

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