डीएपी/यूरिया के विकल्प उर्वरकों उपयोग पर मनावर में कार्यशाला व परिचर्चा आयोजित कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों से किया वैकल्पिक उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया , नैनो डीएपी के उपयोग का आग्रह
किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सोमवार को मनावर में एक दिवसीय कार्यशाला एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार यूरिया और डीएपी के अधिक उपयोग से भूमि की उर्वरता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जैविक खेती अपनाने और वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। कलेक्टर ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने और मृदा परीक्षण को नियमित रूप से कराने की भी सलाह दी। मिट्टी नमूना पत्रक अनुसार जैविक,या रासायनिक उर्वरक का सिफारिश अनुसार उपयोग करने की सलाह दी कार्यशाला में उपस्थित उप संचालक कृषि जीएस मोहनीय ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ किसानों को लेना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थि भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि एवं कृषकों से आह्वान किया कि वे अपने खेतों में ट्रायल के तौर पर कुछ हिस्से में जैविक या तरल उर्वरकों का प्रयोग अवश्य करें। कार्यशाला में राजस्व,कृषि अधिकारियों ,कृषि वैज्ञानिकों , मृदा विशेषज्ञों ,और इफको उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और किसानों को वैकल्पिक उर्वरकों की विशेषताओं, प्रयोग विधि एवं लागत-लाभ की जानकारी दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और उन्होंने वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को लेकर अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं। विशेषज्ञों ने किसानों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि उनके साथ हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।