दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान, *द्वितीय चरण अन्तर्गत उप संचालक डॉ. सिसोदिया द्वारा धार जिले के ग्रामों का भ्रमण किया*
प्रदेश के किसानों की पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को पूर्ण करने के उद्देश्य से दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान ” द्वितीय चरण 17 दिसम्बर 2025 से सम्पूर्ण जिले में चल रहा है। इसके अन्तर्गत डॉ. राकेश सिंह सिसोदिया, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा विकास खण्ड धार के ग्राम गुणावद एवं कलसाड़ाखुर्द विकास खण्ड तिरला के ग्राम पाडल्या, दिलावरा, ज्ञानपुरा तथा विकास खण्ड सरदारपुर के ग्राम बालोदा एवं लेड़गांव में विभागीय अमले द्वारा किये जा रहे कार्य के सत्यापन हेतु उक्त ग्रामों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने पशुपालकों से गृह भेंट कर उक्त अभियान अन्तर्गत पशुओं में नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं पोषण के सम्बन्ध में जागरूकता पर संवाद किया । पशुपालकों द्वारा भी इस अभियान में रूचि ली जा रही है, तथा विभागीय अमले एवं अधिकारियों को पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है । ब्लॉक तिरला के ग्राम पाडल्या की पशुपालक पवित्रा बाई,अंतरसिंह, अजय, सुभाष, ग्राम दिलावरा में कृष्णा धन्नालाल एवं विकासखंड सरदारपुर के ग्राम बालोदा में पशुपालक श्री रामचंद्र अंबाराम के निवास पर गृह भेंट कर अभियान का सत्यापन किया गया। पशुपालक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 3 भैंस एवं 3 गायों का पालन किया जा रहा है। सत्यापन के दौरान पशुपालको से चर्चा कर अभियान के प्रमुख उद्देश्यों जैसे पशु नस्ल सुधार, संतुलित पशु पोषण एवं पशु स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की जानकारी दी गई तथा पशुपालकों को इन गंभीरता से अमल करने हेतु प्रेरित किया गया। पशुपालक से यह भी जानकारी ली गई कि विभागीय गृह भेंटकर्ता द्वारा अभियान की जानकारी प्रदान की गई या नहीं, जिस पर पशुपालक ने बताया कि उन्हें अभियान की गुणवत्तापूर्ण एवं संतोषजनक जानकारी प्राप्त हुई है तथा वे अभियान से पूर्णतः संतुष्ट हैं। इसके पश्चात् उपसंचालक डॉ. राकेश सिंह सिसोदिया ग्राम लेडगांव पहुंचे, जहां पशुपालक श्री पूनमचंद मूलचंद (3 गाय एवं 2 भैंस) से भेंट की गई। उपसंचालक द्वारा पशुपालक को संतुलित पशु आहार जिसमें सूखा चारा, हरा चारा, साइलेज, दाना मिश्रण, मिनरल मिक्सचर एवं नमक शामिल है, को निर्धारित मात्रा में पशुओं को खिलाने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार अपनाने से दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि (लगभग दोगुना) संभव है। पशु स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए उपसंचालक द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम को प्राथमिकता के साथ समय पर संपादित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने गलघोंटू, लंगड़ा बुखार एवं लम्पी स्किन रोग के टीके मानसून से पूर्व, खुरपका-मुंहपका के टीके अक्टूबर-नवंबर माह में तथा ब्रूसेलोसिस जैसे रोगों के टीके निर्धारित समय-सीमा में गंभीरता पूर्वक लगाए जाने हेतु कहा गया।, जिससे पशुओं को संक्रामक रोगों से सुरक्षित किया जा सके। डॉ. सिसोदिया द्वारा यह निर्देश स्थानीय टीकाकरण सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री हेमराज कटारा (ग्राम बालोदा) एवं श्री कुंदन वर्मा (ग्राम लेडगांव) को दिए गए। साथ ही कृत्रिम गर्भाधान कार्य को प्राथमिकता के साथ संपादित करने के निर्देश दिए गए, ताकि नस्ल सुधार के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। अभियान की सतत निगरानी, प्रभावी क्रियान्वयन तथा क्षेत्रीय अमले द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। यह अभियान पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने एवं जिले में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हो रहा है।