बंद करे

धरती आभा जनजाति उत्कर्ष अभियान के तहत ज़रूरतों का सर्वे करें गाँवों में कैम्प लगाए,ग्रामीणों को पता होना चाहिए कि क्या काम लिए जाएँगे

धरती आभा जनजाति उत्कर्ष अभियान के तहत ज़रूरतों का सर्वे करें। गाँवों में कैम्प लगाए,ग्रामीणों को पता होना चाहिए कि क्या काम लिए जाएँगे।कुछ बाक़ी ना रहे,सैचुरेशन मोड में काम करें। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने ये निर्देश आज समयावधि के पत्रों की समीक्षा के दौरान धरती आभा जनजाति उत्कर्ष अभियान के संबंध में चर्चा करते हुए प्रदान किए। बैठक में ज़िला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी,एडीएम अश्विनी कुमार रावत सहित ज़िला अधिकारिगण उपस्थित थे। २०११ की जनगणना आधार ५०० से अधिक जनसंख्या वाले गाँव जिनकी पचास प्रतिशत आबादी एसटी है,को इसमें शामिल किया गया है। कलेक्टर ने कहा कि इस श्रेणी में ज़िले के लगभग आठ सौ ग्राम आते है। उन्होंने कहा कि जो गाँव बच गए हैं उनका सर्वे कर इसमें शामिल किया जाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर लें। उल्लेखनीय है कि इस अभियान के तहत अगले 5 वर्षों में 17 मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों से 25 योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का लक्ष्य भारत सरकार के 17 मंत्रालयों द्वारा परिपूर्णता और आउटरीच द्वारा कार्यान्वित 25 प्रयासों के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण कमियों को खत्म करना और जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों के समग्र और सतत विकास को सुनिश्चित करना है। अभियान में जनजातीय आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।

"> ');