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ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उड़नदस्ता दल गठित

जिला दण्डाधिकारी श्री प्रियंक मिश्रा ने सर्वाेच्च न्यायालय के पारित निर्णय के अनुपालन में उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर जारी किये गये दिशा-निर्देशों के संबंध में सम्पूर्ण धार जिले में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में प्राप्त शिकायतों की त्वरित जांच एवं आवश्यक कार्यवाही करने के लिए उड़नदस्तों का गठन किए जाने का आदेश जारी किया है। प्रत्येक उडनदस्ता दल में संबंधित थाना क्षेत्र के तहसीलदार, थाना प्रभारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शामिल किया गया है। जिले के समस्त उड़नदस्तों का नोडल अधिकारी संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को बनाए गए है। जिला दण्डाधिकारी श्री मिश्रा ने उड़नदस्ता दलों में शामिल अधिकारियों को नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण कर नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये है जहां ध्वनि विस्तार यंत्रों का इस्तेमाल होता हो। आदेश में निर्देश प्राप्त होने पर तत्काल जांच कर उड़नदस्तों को तीन दिन के भीतर एसडीएम को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है। ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर जिला दण्डाधिकारी श्री मिश्रा द्वारा जारी आदेश में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों जैसे औद्योगिक, वाणिज्यिक, रिहायशी एवं शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय निर्धारित अधिकतम ध्वनि तीव्रता का उल्लेख भी किया गया है। इसके मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय अधिकतम 75 एवं रात के समय 70 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में 65 और 55 डेसीबल, रिहायशी क्षेत्र में 55 और 45 डेसीबल तथा शांत क्षेत्र में 50 और 40 डेसीबल अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है।

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