नये संशोधित अधिनियम में जन्म एवं मृत्यु पंजीयन कार्य में की गई लापरवाही को अपराध माना गया
जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में विलंब करने, लापरवाही करने, विलंब से सूचना देने पर भारत के महारजिस्ट्रार द्वारा जारी जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2023 एवं मध्यप्रदेश राज्य जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम (संशोधित) नियम 2024 अनुसार धारा 23 के अधीन जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्य में लापरवाही बरतने, समय पर सूचना न देने, समय पर प्रमाण पत्र जारी नही करने, कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने आदि को दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। जिला योजना अधिकारी ने बताया कि संशोधित अधिनियम की धारा 23 (1) ख के अनुसार शासकीय चिकित्सालयों, शासकीय प्रसूति गृह, या अन्य समान संस्थाओं में चिकित्सालय का चिकित्सा अधिकारी द्वारा संबंधित शासकीय चिकित्सालय रजिस्ट्रार को एक सप्ताह के भीतर सूचना देगा। सूचना पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने की भी सुविधा भारत सरकार द्वारा सीआरएस पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसी तरह निजी चिकित्सालयों, निजी नर्सिंग होम, निजी प्रसूति गृह के अधिकृत अधिकारियों के द्वारा भी जन्म-मृत्यु की घटनाओं को सात दिवस के भीतर संबंधित नगरीय निकायों के रजिस्ट्रारों को सूचित करना होगा। सूचना ऑनलाइन भी दी जा सकेगी। संशोधित अधिनियम 2024 की धारा 23 की उपधारा (1), (2) व (4) के अधीन अपराधों के लिये 250 रूपये दण्ड के प्रावधान है एवं धारा 23 की उपधारा 3 के अन्तर्गत अपराध करने पर 50 रूपये दण्ड के प्रावधान है। इसके अलावा धारा 23 की उपधारा (1 क) और (4 क) के अधीन प्रत्येक जन्म मृत्यु पंजीयन के संबंध में किये जाने वाले अपराधों के लिये अधिकतम एक हजार रूपये दण्ड के प्रावधान है। इस प्रकार नये संशोधित अधिनियम में जन्म एवं मृत्यु पंजीयन कार्य में की गई लापरवाही को अपराध माना गया है। उक्त कार्य में लापरवाही बरतने पर अतिरिक्त मुख्य जिला रजिस्ट्रार (कलेक्टर), जिला रजिस्ट्रार (जिला योजना अधिकारी) स्वयं संबंधित रजिस्ट्रार अधिनियम की धाराओं के तहत दंडित करने के लिये राज्य शासन द्वारा प्रथक-प्रथक शक्तियां प्रदत्त की गई हैं। जिला कलेक्टर द्वारा जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्य के सभी रजिस्ट्रारों शासकीय चिकित्सालयों के रजिस्ट्रारों एवं निजी चिकित्सालयों के सूचनादाता अधिकारियों संबंधित ग्राम पंचायत के उपरजिस्ट्रारों एवं सूचनादाताओं को अधिनियम के प्रावधानों के तहत समयावधि के भीतर कार्य करने के निर्देश दिये गये।