निराश्रित बच्चों का सर्वे अभियान के तहत बच्चों की जानकारी लेंगे
स्ट्रीट चिल्ड्रन, देखरेख संरक्षण की आवश्यकता वाले, पन्नी-कबाड़ बिनने वाले बच्चों के चिन्हांकन एवं उन्हे शासन की पुनर्वास योजनाओ से जोड़ने हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत् जिला स्तरीय दल द्वारा शुक्रवार को शहर में नाबालिग बच्चों के काम करने की संभावना हो सकती, जैसे चाय टपरिया, घुमटिया, मोटरबाईक गेरेज, रद्दी कबाडा व्यवसायियों के दुकानो पर जाकर सर्वे किया एवं बच्चो की जानकारी ली। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुभाष जैन द्वारा बताया गया कि सर्वे दल द्वारा आज घोड़ा चौपाटी के पास की चाय की दुकानो एवं छत्रीबाग क्षेत्र में स्थित मोटरबाईक गेरेजों पर कुछ बच्चे दिखाई दिये। दल द्वारा बच्चों के संबंध में पुछताछ की गई। जिसमें ज्ञात हुआ कि बच्चों के माता-पिता है, बच्चों के पिता वहीं पर काम करते है, कुछ शॉप ओनर है, उनके द्वारा बताया गया कि वे बच्चे उन्ही के है, इनका स्कूल मे एडमीशन है तथा वर्तमान में ग्रीष्मकालिन अवकाश होने से बच्चों को काम सिखाने के लिए साथ ले आते है । बच्चों के पिता को समझाईश दी गई कि वे बच्चों से काम नहीं करवाये। इसके बाद से वे रोड पर काम करते फालतु घुमते पाए गए तो बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष भेजने की कार्यवाही करेंगे। उन्होंने बताया कि यह अभियान निरंतर चलाया जायेगा एवं अभियान में ऐसे निराश्रित बच्चों की खोज की कार्यवाही की जा रही है एवं निराश्रित श्रेणी के बच्चे पाये जाने पर बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके पुर्नवास की कार्यवाही की जायेगी एवं शासन की योजनाओ का लाभ दिलवाये जाने का प्रयास किया जायेगा । सर्वे दल में बाल संरक्षण इकाई से बाल संरक्षण अधिकारी बलराम ठाकुर, बाल संरक्षण अधिकारी करण भंवर, नितेंष भिडें आउटरिच वर्कर एवं उमेश ठाकुर समम्मिलित थे। श्रम विभाग से प्रिया जोनवाल श्रम निरीक्षक व रूपक सांवले श्रम निरीक्षक सम्मिलित रहे ।