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निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन के लिए नियमों का पालन करने के कलेक्टर के निर्देश

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन के लिए रूल ऑफ पालन किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिसका कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है।       
कलेक्टर एवं जिला निवर्राचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने शासकीय सेवकों को निर्देश दिए हैं कि विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता एवं निष्पक्षता से कार्य करना है। सभी मैदानी अधिकारियों, कर्मचारियों की गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखी जाएगी। इसी तारतम्य में आम जनता, राजनीतिक दलों एवं अन्य हित धारकों से सीधे सम्पर्क में आने वाले मैदानी अधिकारी, कर्मचारियों का यह दायित्व बनता है, कि वह विधानसभा निवार्चन 2023 के मद्देनजर अपनी प्रत्येक गतिविधि से पारदर्शिता एवं निष्पक्षता की नजीर पेश करें। इसके लिए उन्हें ’’रूल ऑफ लॉ’’ का सिद्धांत अक्षरशः पालन करते हुये विभिन्न अधिनियम जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, सम्पत्ति विरूपण निवारण, कोलाहल नियंत्रण, मोटरयान, आबकारी, आर्म्स आदि के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। प्रावधानों के पालन के लिए प्रतिबंधात्मक अथवा दण्डात्मक कार्यवाही के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, अनुविभागीय अधिकारी थाना प्रभारी आदि जिम्मेदार दी गई है।     
जिला निवर्राचन अधिकारी श्री मिश्रा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने अधीनस्थों के कार्यों की मॉनीटरिंग करें और चेक करें कि ’’रूल ऑफ लॉ’’ का पालन उनके कनिष्ठ मैदानी कर्मचारी  जैसे आरक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव आदि से लेकर अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी आदि तक किया जा रहा है। जिले के मैदानी अधिकारी, कर्मचारी द्वारा अभी से लेकर पारदर्शिता तथा निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए। ’’रूल ऑफ लॉ’’ का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए और लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई करने के लिए तत्काल इस कार्यालय को प्रस्ताव भेजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शासकीय कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे ऐसी शंका भी हो सके कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। शासकीय कर्मचारी को किसी भी प्रकार चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिए। निर्वाचनों से संबंद्ध अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिए कार्य करेगा और न ही उसे मतदेने के लिए किसी प्रकार का प्रभाव डालेगा, इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन में खड़े किसी अभ्यर्थी के लिए निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं करेगा। आमसभा की व्यवस्था नहीं की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।

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