बाल विवाह रोकने के लिये प्रशासन ने की तैयारियां
देवउठनी एकादशी 11 व नवम्बर पर बाल विवाह रोकने के लिये प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे आयोजनांे पर अंकुश लगाने जहां लोगों को जागरूक किया जा रहा है, वहीं कार्यक्रमों मे सेवाये देने वाले मैरिज हॉल, टैंट व्यवसायी, बैंड-बाजा, कैटर्स संचालकों के अलावा पंडित-मौलवियों को भी सख्त संदेश दिया जा रहा है। उनसे कहा गया है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं वर-वधु निर्धारित आयु से कम के तो नही है। यदि ऐसा पाया गया तो दोनो पक्षोें के अलावा आयोजन कार्यरत सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जावेगी। दो वर्ष के दंड का प्रावधानः-सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बताया गया कि 11 व 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर्व मनाया जायेगा। इस दिन बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह कानूनी अपराध है। इस पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार विवाह के लिये वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इससे कम आयु की शादी बाल विवाह की श्रेणी मे आती है। गोपनीय रहेगी शिकायतः-प्रशासन ने नागरिकों से बाल विवाह की सूचना देने की अपील की है कि शिकायत देने वाले रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोगो का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस तरह की शिकायत चाईल्ड लाईन नंबर 1098 के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाईल नंबर एंव व्हाट्सअप नंबर पर की जा सकती है। कंट्रोल रूम की स्थापनाः-महिला एवं बाल विभाग द्वारा धार द्वारा जिलें में 11 व 12 नवंबर 2024 देवउठनी एकादशी को ध्यान मे रखते हुये बाल विवाह की रोकथाम एवं शिकायत दर्ज करवाने हेतु जिला स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जिसके अंतर्गत श्री बलराम ठाकुर, बाल संरक्षण अधिकारी मो.न. 9826394433, जिला बाल संरक्षण इकाई धार एवं श्री करण भंवर मो.न. 7869984294, बाल संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई धार साथ ही चाईल्ड हेल्प लाईन न. 1098 पर संपर्क कर बाल विवाह संबंधी शिकायत दर्ज करवा सकते है।