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महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत धार जिले की विगत 1 वर्ष में प्राप्त उपलब्धिया

महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत धार जिले की विगत 1 वर्ष में प्राप्त उपलब्धिया के तहत  बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 5831 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाकर राशि 83.38 करोड़ स्वीकृत की गई है। लाडली लक्ष्मी योजना अन्तर्गत 15974 हितग्राहियों को छात्रवृत्ति के रूप में रुपये 5.06 करोड़ राशि वितरित की गई है।

        गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नकद प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ द्वितीय प्रसव पर बालिका जन्म को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 19128 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 10.20 करोड़ वितरित की गई है। महिलाओं के स्वावलम्बन एवं उनके आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार को बनाये रखने, महिलाओं को आर्थिक रूप से अधिक स्वावलम्बी बनाने एवं परिवार स्तर पर निर्णय लिये जाने में महिलाओं की प्रभावी भूमिका को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 391000 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 586.50 करोड़ वितरित की गई है। विगत एक वर्ष में जिले में विभाग अन्तर्गत 674 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये जाकर राशि रूपये 75.62 करोड़ स्वीकृत की गई है। जिन बच्चों ने कोविड महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है उनकी निरन्तर रूप से व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके कल्याण को सक्षम बनाने, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने और 23 वर्ष की आयु होने पर वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए तैयार करने हेतु प्रधानमंत्री केयर फॉर चिल्ड्रन योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 11 बच्चों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 1.10 करोड़ जमा की गई है। इसी योजना के तहत् 08 बच्चों को स्पॉन्सरशीप योजना में लाभान्वित कर रूपये 3.84 लाख पदाय किये गये हैं।
            कोविड-19 से अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने वाले माता पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न पूरी कर सके। इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 52 बच्चों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 31.20 लाख प्रदाय की गई है। बाल देखरेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देकर समाज में पुनर्स्थापित करने एवं 18 वर्ष तक की आयु तक के अनाथ बच्चों को अपने संबंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 120 बच्चों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 57.60 लाख प्रदाय की गई है। ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है ऐसे परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान हेतु हेतु शासकीय स्पॉन्सरशीप योजना संचालित की जा रही है। योजना अन्तर्गत विगत एक वर्ष में 201 बच्चों को लाभान्वित किया जाकर राशि रूपये 96.48 लाख प्रदाय की गई है।
        समुदाय में अति गंभीर एवं मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार एवं पोषण प्रबंधन हेतु राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत् बच्चों का शारीरिक माप कर चिंहित किये गये अति गंभीर एवं मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों का पंजीयन, उपचार एवं पोषण प्रबंधन कर सामान्य श्रेणी में लाने की कार्यवाही की जाती है। कार्यक्रम अन्तर्गत विगत एक वर्ष में पंजीकृत अति कम वजन के 6340 बच्चों में से 3232 बर्चा का सामान्य श्रेणी में श्रेणी परिवर्तन हुआ है। वन स्टॉप सेंटर अन्तर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिसडेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा वन स्टॉप सेंटर में उपलब्ध कराई जाती है। विगत एक वर्ष में 02 नवीन वन स्टॉप सेंटर पीथमपुर एवं मनावर स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार औ‌द्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में कामकाजी महिलाओं के सुरक्षित निवास हेतु वर्किंग वुमन होस्टल स्वीकृत किया गया है।
         आंगनवाड़ी उन्नयन कार्यक्रम अन्तर्गत जिले में 370 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का मुख्य आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन किया गया है। सक्षम 2.0 अन्तर्गत 508 आंगनवाड़ी भवनों का चयन कर रूपये 5.08 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं। इन केन्द्रों पर पोषण वाटिका एवं वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनाया जा रहा है।

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