मां सरस्वती के पूजन के साथ ग्रीष्मकालीन शिविर का हुआ शुभारंभ, विद्यार्थियों ने बनाई अखबार की रद्दी से थैलियां , मेहदी के कोन, पालकों ने की सराहना, प्राचार्य ने बताए विद्यार्थियों को मोबाइल के दुष्प्रभाव
जिला मुख्यालय पर स्थित सीएम राइज विद्यालय में रविवार को “सहृदय, सीखे, सृजन करे, समाज से जुड़े” थीम पर आधारित ग्रीष्मकालीन शिविर का शुभारंभ राष्टगान एवं मां सरस्वती के पूजन के साथ हुआ । इस अवसर पर अनेकों पालकगण भी उपस्थित थे । कक्षा केजी से लेकर 10 वीं तक के लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रथम दिन शिविर में सहभागिता की ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ स्मृति रत्न मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का विधिवत शुभारंभ किया । कक्षा 8 वीं की छात्राओं कु पूनम, कु गीत और कु एंजल ने सरस्वती वंदना का गायन किया। इसके बाद शिक्षक राकेश मुकाती द्वारा विद्यार्थियों और शिक्षकों को मेडिटेशन करवाया गया। शिविर में प्राचार्य डॉ मिश्र द्वारा मोबाइल के दुष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को बताया गया कि मोबाइल से ज्ञानवर्धक बातें सीखें और रील बनाने के चक्कर में ना पड़े। यदि रील बनाना ही है तो पढ़ाई लिखाई और अच्छी गतिविधियों की बनाएं ।
ये गतिविधियां सीखी विद्यार्थियों ने
शिविर के प्रथम दिन रविवार को विद्यालय का माहौल रोज से अलग होकर उत्साहपूर्ण था। परंपरागत कक्षा शिक्षण से अलग हटकर रोचक गतिविधिया करते हुए लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों ने विभिन्न रोजगारपरक गतिविधियां करते हुए इन विधाओं का प्रशिक्षण प्राप्त किया । यह प्रशिक्षण उन्हें खेल-खेल में और रोचक तरीके से दिया गया दिया गया। विद्यार्थियों को समूह में बांटकर उन्हें अखबार के रद्दी कागज से कागज की थैलियां बनाना सिखाया गया। इसके बाद विद्यार्थियों ने स्वयं अनेको थैलियां बनाई । कुछ विद्यार्थियों के समूह ने आर्ट एवं क्राफ्ट की बारीकियां सीखी तो कुछ ने पेंटिंग की। छात्राओं के एक समूह ने मेहंदी की डिजाइन बनाना और मेहदी के कोन बनाना सीखा। इसके अलावा स्थानीय खेलकूद में भी अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
प्रदर्शनी में बेचेंगे विद्यार्थी अपनी बनाई सामग्री
दस दिवसीय शिविर के दौरान विद्यार्थियों के द्वारा प्रतिदिन जो विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाई जायेगी उन सभी को अंतिम दिन प्रदर्शनी लगाकर विक्रय किया जायेगा । इससे विद्यार्थी के अंदर एक स्वावलंबन की भावना पैदा होगी और भविष्य में वे शिविर में सीखी गई विधाओं को विस्तृत रूप देकर उसे अपना रोजगार भी बना सकेंगे ।
पालकगण कर रहे सराहना
शिविर में अपने बच्चों को छोड़ने और लेने आए अनेकों पालक शिविर की गतिविधियों को देखकर काफी प्रभावित हुए और विद्यालय के प्रयासो की सराहना की । पालकगण मीरा मावी, गुड्डी बुंदेला , प्रेमलता बैंडवाल , दीपक भाबर, कालू मालीवाड़, सुनील कनाडे , सतीश रावल, सचिन गिरवाल ,शेखर कछिया, शैलेंद्र भाबर आदि ने शिविर की प्रथम दिन की गतिविधियों को बहुत ही अच्छा बताया और यह कहा कि निश्चित ही हमारे बालक इससे बहुत कुछ सीख रहे है। कार्यक्रम का संचालन आनंदीलाल बामनिया शिक्षक ने किया।