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यूका कचरे के निष्पादन को लेकर उठे भ्रम पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी तथ्यात्मक जानकारी

धार: यूका कचरे के निष्पादन को लेकर उठे विभिन्न सवालों और भ्रांतियों पर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर जवाब दिए गए हैं और आमजन तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए पेम्फलेट भी जारी किए गए हैं।

▶️क्या रामकी प्लांट यूका कचरे के निष्पादन के लिए योग्य नहीं है? बोर्ड ने बताया कि मेसर्स पीथमपुर वेस्ट मैनेजमेंट प्रा. लि., धार को खतरनाक अपशिष्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए स्थापित किया गया है और यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की गाइडलाइंस के अनुरूप कार्य करता है।

▶️क्या प्लांट शून्य निस्त्राव (Zero Discharge) प्रणाली पर आधारित नहीं है? MPPCB के अनुसार, यह प्लांट शून्य निस्त्राव पद्धति पर काम करता है और इसमें जल उत्सर्जन नहीं होता। दिसंबर 2024 में CPCB द्वारा की गई जांच में भी कोई जहरीला रसायन नहीं पाया गया।

▶️क्या इनसिनरेटर में डीजल और पानी की अधिक खपत होगी? बोर्ड ने स्पष्ट किया कि इनसिनरेटर में डीजल और पानी की खपत कचरे की मात्रा (Feed Rate) के आधार पर होगी और जरूरत के अनुसार ही इसका उपयोग किया जाएगा।

▶️TSDF प्लांट की दूरी को लेकर क्या विवाद है? बोर्ड ने बताया कि HAZWAMS-25 गाइडलाइंस के अनुसार, 200 मीटर की दूरी पर्याप्त है और इसमें किसी नियम का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

▶️क्या प्लांट में वायु प्रदूषण नियंत्रण के पर्याप्त उपाय नहीं हैं? बोर्ड के अनुसार, प्लांट में स्प्रे ड्रायर, मल्टी-साइक्लोन, स्क्रबर, बैग फिल्टर, चिमनी आदि आधुनिक वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण स्थापित हैं।

▶️क्या 10 साल पहले सरकार ने इस कचरे को जलाने से इनकार कर दिया था? बोर्ड ने बताया कि 10 साल पहले ही सरकार ने न्यायालय के निर्देश पर 10 टन कचरे का सुरक्षित निष्पादन किया था।

▶️क्या रामकी प्लांट के कारण पीथमपुर क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं? MPPCB के अनुसार, इस दावे का कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है और यह पूरी तरह आधारहीन है।

▶️क्या यूका कचरा कोबरा सांप जितना जहरीला है? बोर्ड ने इसे गलत बताते हुए कहा कि CPCB ने कचरे की कैरेक्टराइजेशन टेस्टिंग करवाई है और ये बात ग़लत है।

▶️क्या रामकी प्लांट डायऑक्सिन और फ्लूरोन गैस जलाने के लिए सक्षम नहीं है? बोर्ड ने बताया कि डायऑक्सिन और फ्लूरोन 400-450°C पर उत्पन्न होते हैं, जबकि प्लांट में कचरा 850°C से अधिक तापमान पर जलाया जाता है, जिससे ये तत्व प्रभावी रूप से नष्ट हो जाते हैं।

▶️क्या भारत में ऐसा कोई इनसिनरेटर नहीं है जो यूका कचरे को जला सके? MPPCB ने बताया कि यह दावा गलत है। 2015 में इसी प्लांट में 10 टन यूका कचरा जलाकर सफल निष्पादन किया गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अपील मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह या गलत जानकारी पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी को ही मानें। बोर्ड का कहना है कि यूका कचरे के सुरक्षित निस्तारण के लिए सभी वैज्ञानिक मानकों का पालन किया जा रहा है और इस प्रक्रिया में पर्यावरण और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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