विश्व श्रवण दिवस के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य परीक्षण एवं श्रवण जांच का निशुल्क शिविर लगाया
जिला भोज अस्पताल में रविवार को विश्व श्रवण दिवस मनाया गया। इसके उपलक्ष्य में स्वास्थ्य परीक्षण एवं श्रवण जांच का निशुल्क शिविर लगाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर साजी जोसेफ ने कहा कि अज्ञात श्रवण हानी रुग्णता का एक प्रमुख कारण है और देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा खतरा है । यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले दशकों में जनसंख्या वृद्धि ध्वनि प्रदूषण जैसे कारकों में बढ़ते जोखिम के साथ-साथ श्रवण हानि की व्यापकता में भी काफी वृद्धि होना संभावित है। शिविर में लगभग 100 मरीजों की जांच की गयी। जिसमें सभी आयु वर्ग के महिला एवं पुरुष हितग्राही उपस्थित थे। उसमें से लगभग 25 मरीजों की निशुल्क श्रवण जांच रजनी पटेल ऑडियोलॉजिस्ट द्वारा की गई । डॉक्टर अजय पाटीदार नोडल (राष्ट्रीय बधिरता- नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम) एवं नाक कान गला रोग विशेषज्ञ के द्वारा बताया गया कि तीन बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद को कोक्लियर इंप्लांट जैसी बड़ी सर्जरी राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत निशुल्क कराई जाएगी। जिन मरीजों के कान के परदे में छेद है उन्हें भी ऑपरेशन के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। शेष मरीजों को उचित इलाज दिया गया। साथ ही अधिक कम सुनाई देने वाले हितग्राही को विकलांगता सर्टिफिकेट के पश्चात सुनने की मशीन दी जाएगी। जिन हितग्राही के पास विकलांगता सर्टिफिकेट था उसे सुनने की मशीन शिविर में सामाजिक न्याय द्वारा दी गई। इस अवसर पर डॉ पाटीदार ने बताया कि कान में मेल होना ,कान पर चोट लगना, कान के परदे में छेद एवं ओटाइटिस मीडिया (मध्य कान का संक्रमण) जैसे अनेक कारण जो श्रवण हानि का कारण बनते हैं उन्हें रोका जा सकता है। बच्चों में 60% श्रवण हानि को सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों के माध्यम से रोका जा सकता है। जिन लोगों को सुनने की क्षमता में कमी है उन्हें समय पर और उचित हस्तक्षेप से लाभ प्राप्त हो सकता है। साथ ही डॉक्टर पाटीदार ने कहा कि मरीजों की उचित समय पर पहचान कर बधिरता को प्रारंभिक उपचार ,हियरिंग एंड, स्पीच थेरेपी एवं ऑपरेशन के माध्यम से रोका जा सकता है इससे होने वाली विकलांगता को 50% काम किया जा सकता है।