शासकीय अधिकारी, कर्मचारी चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहे- कलेक्टर श्री मिश्रा
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने लोकसभा आम निर्वाचन 2024 अंतर्गत संसदीय लोकसभा क्षेत्र 25 धार-महू (अ.ज.जा.) हेतु शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दे वे निष्पक्ष नहीं है। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिये तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिये तथा उन्हें यह देखना चाहिये कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन 2024 संसदीय लोकसभा क्षेत्र 25 धार-महू (अ ज जा) अंतर्गत कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है। जिसके अनुसार 16 मार्च से सम्पूर्ण जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। कार्यक्रम अनुसार 13 मई (सोमवार) को मतदान तथा 4 जून (मंगलवार) को मतगणना कार्य संपादित किया जाना है। भारत निर्वाचन आयोग एवं मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करना म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियत 1965 के प्रावधानों के विपरित है। लोक प्रतिनिधित्व अनिनियम् 1951 की धारा 129 एवं 134 क की ओर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है, जिसके अनुसार निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करेंगे और न मत डालने में कोई असर डालेंगे। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिये नियोजित समस्त अधिकारी, कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जावेगें और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेगे। निर्वाचन में संशक्तः पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा अपेक्षित कर्तव्य है, जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पात्र बनाती है। चुनाव की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की अवधि में मंत्रियों की यात्रा के दौरान कार्य के सिलसिले में शासन द्वारा आदेश प्रसारित किये गये है। जिसमें यह स्पष्ट किया है कि भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार निर्वाचन की घोषणा दिनांक से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक की अवधि में केन्द्र या राज्य शासन के कोई भी अधिकारी/कर्मचारी किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरा नहीं करेंगे, जिसमें (केवल प्रकृतिक आपदा स्थितियों को छोड़कर) निर्वाचन आयोग के उल्लेखित आदेश अनुसार यदि मंत्री संस्था या पार्टी की ओर से आम, सभा आयोजित करते है तो सभा की व्यवस्था नहीं की जाए, केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित किया जाएगा। यदि कोई मंत्री चुनाव के काम के लिये कही जाते हैं, तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जायेंगे। उन अधिकारियों को छोड़कर, जिन्हें ऐसे सभा या आयोजन में कानून एवं व्यवस्था लिए सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिये तैनात किया गया हो, दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नहीं होना चाहिए। जब किसी मंत्री को निजी मकान पर खाने-पीने के लिये आमंत्रित किया जाता है तो कोई शासकीय अधिकारी या कर्मचारी उसमें शामिल न हो। उपरोक्तानुसार आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी / कर्मचारी इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदर्श आचरण संहिता आयोग द्वारा निर्धारित तिथि को घोषणा दिनांक से प्रभावशील रहेगी।