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सफलता की कहानी मनोरमा दीदी समूह से लोन लेकर कर रही है दीदी कैफे का संचालन

यह कहानी है देलमी के रहने वाली श्रीमती मनोरमा दीदी की। मनोरमा दीदी आजीविका मिषन से जुडने के पूर्व बहुत गरीब स्थिति में थी सिर्फ मजदुरी से घर परिवार का भरण पोषण होता था। वे भी अन्य महिलाओं की तरह मुसीबतों का सामना कर रही थी। मनोरमा दीदी विकासखण्ड टीम के माध्यम से आशिर्वाद समूह से जुड़ी । मनोरमा दीदी ने अन्य महिलाओं को जागरूक कर समूह से जोड़ा। मनोरमा दीदी बहुत ही समझदार और सभी को साथ में ले कर चलने वाली एक घरेलु महिला है। महिलाओं के बीच उभर कर अपने गाँव में एक अलग पहचान बनाई। मनोरमा दीदी बताती है कि उन्होंने समूह लोन लेकर उन्होंने दीदी कैफे का कार्य प्रारंभ किया। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया। अब उनकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है जिससे अब वे अपने परिवार का अच्छें से पालन पोषण कर रही है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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