सफलता की कहानी लाड़ली बहना योजना की राशि से आत्मनिर्भर बनी हेमतला देवड़ा
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। जहां विभिन्न संपत्तियां महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हो रही हैं वहीं बहनों के कल्याण के लिए कई अभिनव योजनाएं संचालित हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने से प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण का कार्य आसान हुआ है। योजना से मिलने वाली राशि से महिलाएं छोटे-छोटे खर्चों के लिए अन्य लोगों पर निर्भर नहीं हैं। धार की हेमलता देवड़ा बताती है कि उनके पति का बीमार के दौरान वर्ष 2019 में निधन हो गया था। उनके दो छोटे बच्चे हैं, बड़ा बेटा 13 वर्ष और बेटी 9 वर्ष की है। उनके पति के निधन होने के बाद वे असहाय हो गई थी। उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। बच्चों का पालन पोषण व घर चलाने में वे बिल्कुल भी समर्थ नहीं थी। कई बार उन्हें रिश्तेदारों से उधार पैसे लेना पड़ता था, तो वे भी उन्हें दस बातें सुनाते थे, उनकी बातों से बहुत दुखी हो जाती थी। श्रीमती हेमलता को फिर मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी मिली। तब उन्होंने लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर अपना पंजीयन करवाया। उसके बाद से श्रीमती हेमलता को निरंतर प्रतिमाह योजना का लाभ मिल रहा है और राशि सीधे उनके खाते में आ रही है। जिससे वे मण्डी से सब्जी लाकर घर-घर जाकर (फेरी लगाकर) बेचने का कार्य करती है। श्रीमती हेमलता कहती है कि अब मैं आत्मनिर्भर हो गई हूं और प्रतिदिन सभी खर्चे काटने के बाद मुझे 300-400 रूपये की बचत हो जाती है, अब किसी पर भी आश्रित नहीं रहना पड़ता है। श्रीमती हेमलता कहती है कि मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की आभारी हूं, धन्यवाद देती हूं। उन्होंने लाड़ली बहना योजना चलाकर मेरे जीवन को प्रगति के रास्ते पर अग्रसर कर दिया। उनका जितना भी धन्यवाद करूं कम है।