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समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर उपार्जन हेतु प्रशिक्षण सम्पन्न

उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि ने बताया कि भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में समर्थन मूल्य पर जिले में 25 मार्च से औसत अच्छी गुणवत्ता (एफएक्यू) के चना एवं मसूर का उपार्जन किया जाना प्रस्तावित है। जिले में गुरूवार तक 542 कृषकों द्वारा पंजीयन करवाया गया है एवं पंजीयन की अंतिम तिथी 21 मार्च है । उन्होंने बताया कि चना का (एफएक्यू) मापदण्ड विजातीय तत्व 1.00, अन्य खाद्यान्न दाने 3.00, क्षतिग्रस्त दाने 3.00, आंषिक क्षतिग्रस्त दाने 4.00, अपरिपक्व, कुमलाहे, सिकुड़े एवं टुटे दाने 6.00, अन्य प्रकार के समिश्रण 2. 00, घुने हुये दाने 4.00 एवं नमी 14.00 प्रतिषत निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार मसूर का (एफएक्यू) मापदण्ड विजातीय तत्व 2.00, अन्य प्रकार के समिश्रण 3.00 क्षतिग्रस्त पल्सेस 3.00, आंषिक क्षतिग्रस्त पल्सेस 4.00, अपरिपक्व, कुमलाहे, सिकुड़े एवं टुटे पल्सेस 3.00 घुने हुये पल्सेस 4.00, नमी 12.00 प्रतिषत निर्धारित किया गया है। (एफएक्यू) चना का समर्थन मूल्य 5650 रूपए एवं मसूर का समर्थन मूल्य 6700 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। उपार्जन हेतु गुरूवार को कार्यालय म०प्र०राज्य सहकारी विपणन संघ 24 कॉषी बाग कॉलोनी धार में औसत अच्छी गुणवत्ता (एफएक्यू) एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। उक्त प्रशिक्षण में कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, म०प्र०राज्य सहकारी विपणन संघ, प्रबंधक सहकारी विपणन समिति, प्रबंधक बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति एवं अन्य विभाग के जिला एवं मैदानी अमले को विस्तृत रूप से औसत अच्छी गुणवत्ता (एफएक्यू) का प्रशिक्षण श्री धरमवीर सिंह, क्लस्टर हेड एनसीसीएफ इंदौर संभाग, इंदौर एवं ऐजेंसी के सर्वेयर द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारी एवं कर्मचारियों को यह भी अवगत कराया गया है कि ई-उपार्जन पोर्टल पर प्रविष्टि के साथ-साथ प्रतिदिन उपार्जित स्कंध के सेम्पल सुरक्षित रखते हुये उपार्जन से संबंधित पंजी भी संधारित करें। नान (एफएक्यू) स्कंध आने पर उसके 02 सेम्पल तैयार कर उसमें हस्ताक्षरयुक्त पर्ची रखी जावे, जिसमें उपार्जन केन्द्र का नाम, किसान का नाम, किसान कोड, निर्धारित मापदण्ड जिसके कारण स्कंध नान (एफएक्यू) किया गया। स्कंध से भरे प्रत्येक बोरे पर निर्धारित कलर के धागे से डबल सिलाई करते हुये स्पष्ट स्टेनसील एवं टेग लगाया जावें। उक्त उपार्जन कार्य भारत सरकार द्वारा जारी उपार्जन नीति का पालन करते हुये सुचारू रूप से सम्पन्न किया जावें।

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