हर कालेज का कोई एक फ्लैगशिप का कोर्स रहे जिससे कालेज का नाम हो- कलेक्टर प्रियंक मिश्रा
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने निर्देश दिए हैं की जिले के प्रत्येक कालेज में कोई एक फ्लैगशिप कोर्स रहे जिससे कालेज का नाम हो,पहचान बने। कलेक्टर श्री मिश्रा आज जिला कार्यालय के सभागार में जिले के कालेज प्राचार्यों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की धार का साहित्य कला के क्षेत्र में अच्छा नाम है। इसी दिशा में धार पीजी कालेज में एक एकेडमिक फेस्टिवल का आयोजन किया जाए,जिसमें राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता शामिल हों। यहाँ भारतीय ज्ञान परंपरा,साहित्य और विज्ञान के विषयों पर बात हो। बैठक में बताया गया धार पीजी कालेज में एआई के कोर्स का स्टूडेंट में अच्छा प्रतिसात मिला है।कलेक्टर ने कहा साइंस विषय में कोई प्रोजेक्ट बनाएं,हमारा प्रयास होगा की इस प्रोजेक्ट को कोई फ़ार्मा कंपनी स्पॉन्सर कर सके। बाग कालेज में फॉसिल्स से रिलेटेड और इतिहास पर कुछ शोध कार्य करवाएँ। इनके शोध के लिए कोई सपोर्ट सिस्टम डेवलप करें ताकि कोई शोर्ट टर्म कोर्स के लिए यहाँ आए। गंधवानी क्षेत्र में स्पोर्ट की गतिविधियों का स्कोप है,इस दिशा ने प्रयास करें। शोध कार्य के लिए सब कालेजों में सभी गतिविधियों पे फोकस ना कर किसी एक क्षेत्र में एक्सीलेंस का प्रयास हो। ओलंपिक की स्पर्धाओं से संबंधित कौन से खेल का इस जिले में पोटेंशियल है देखे,तदनुसार इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर्स डेवलपमेंट के प्रस्ताव भेजें और आगे की कार्यवाही करें। जिले के पहाड़ी क्षेत्र में बने कालेज भवन के लैंडस्केप को डेवलप करें। भवन के आसपास का क्षेत्र अच्छा सुंदर दिखे ऐसे प्रयास जरूरी हैं। श्री मिश्रा ने निर्देश दिए कि पीएम एक्सीलेंसी कालेज अपने नाम के अनुरूप नेक में ग्रेडिंग पाए। जहाँ नेक में ग्रेडिंग हो चुकी है अगली नेक के लिए अपना परफार्मेंस अपग्रेड करने की सभी तैयारी कर लें। गर्ल्स कालेज में पीजी का कोर्स शुरू करने ,सरदारपुर कालेज में कॉन्फ्रेंस हाल के प्रस्ताव बनाएं। बीड़वाल में शाला में संचालित भवन की मरम्मत का प्रस्ताव तैयार किया जाए। पीजी कालेज धार की बाउंड्री वाल 15 दिन में बनाके बताएं, यहाँ कालेज परिसर से लोगों के आवागमन से पढ़ाई बाधित होती है। पीठमपुर के कालेज भवन की शिफ्टिंग के संबंध में कहा गया कि नगर पालिका द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे भवन का किराया निर्धारण कर शिफ्टिंग कीजिए।कालेज के निर्माणाधीन भवनों का संबंधित एसडीएम जा कर निरीक्षण करें। तैयार हो चुके भवनों का हैंडओवर की कार्यवाही की जाए। जहाँ भी कार्य बचा है वहाँ पीआईयू शेष कार्य शीघ्र पूरा करें पर ख्याल रहे कि कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाए। फर्नीचर के लिए अभी से बजट मांगने की प्रक्रिया कर लें।मरम्मत कार्य के लिए ज़ोनल टेंडर लगा लें ताकि साल भर के विभिन्न कार्य इससे हो पाएंगे।तकनीकी सपोर्ट के लिए पीडब्ल्यूडी पीआईयू के अभियंता होंगे। निर्माण की गुणवत्ता प्राचार्य स्वयं भी देखें,आप लोगों को ही इसका उपयोग किया जाना है।