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अल्पविराम में छिपा है, खुशियों का खजाना, इसके अभ्यास से होती है कार्य क्षमता में वृद्धि- सीईओ जनपद धार श्री सोलंकी

राज्य आनंद संस्थान मध्यप्रदेश भोपाल के निर्देशानुसार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी के मार्गदर्शन में धार ब्लॉक का एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यशाला का आयोजन शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके कार्यक्षमता में वृद्धि व जीवन में खुशियां लाने के उद्देश्य से धार जनपद सभागृह में गुरूवार को किया गया। कार्यशाला में राज्य स्तर से नियुक्त जिला संपर्क व्यक्ति डॉ. दिनेश कश्यप, मास्टर ट्रेनर्स के बी मानसरे, संजय गुप्ता एवं नारायण फर्कले द्वारा जीवन का लेखा-जोखा चिंता का दायरा एवं प्रभाव का दायरा फ्रीडम क्लास तथा कनेक्शन करेक्शन डायरेक्शन सत्र लिए गए व गतिविधियां कराई गई। धार जिले में लगातार हो रही एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला की अंतिम कार्यशाला में मुख्य अतिथि जनपद पंचायत सीईओ देवश्री सोलंकी ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को अपने उद्बोधन में कहा कि एक छोटी सी मदद भी हमारे जीवन में खुशियां ला सकती है, हमें ईश्वर हमें शासकीय सेवा के माध्यम से संपर्क में आने वाले प्रत्येक नागरिक के चेहरे पर खुशियां लाने का अवसर दिया है। हम उदास चिंताग्रस्त और हीन तभी महसूस करते हैं जब हम स्वयं के द्वारा की गई गलतियों को ना तो किसी से साझा करते हैं और ना ही अल्पविराम लेते हैं। नकारात्मक विचार हमारी कार्यक्षमता में कमी लाते हैं, जीवन में कार्य बिगड़ने लगते हैं, परिणाम स्वरुप हम अपने कार्य को ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं। अपनी गलती का एहसास हमें अल्पविराम लेने के से ही होता है। क्षमा मांग लेने से हमें खुशियों के खजाने की चाबी हाथ लग जाती है। जीवन में सकारात्मक आती है, हल्का हल्का महसूस होता है, खुशियों और आनंद की बरसात होना शुरू हो जाती है, हमारे कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। प्रारंभ में मास्टर ट्रेनर्स का परिचय डॉ. कश्यप ने सभी प्रतिभागियों को अल्पविराम कार्यशाला का महत्व व गंभीरता बताते हुए कहा कि हमारे जीवन में खुशियां तभी दौड़ लगाकर आती हैं, जब हम अपने वेतन में गरीब व्यक्ति द्वारा खरीदे गए। आपने सभी से इसी भावना से अल्पविराम में सहभागिता करने की बात कही। मास्टर ट्रेनर श्री मानसरे द्वारा राज्य संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। आपने कहा कि आनंद की अनुभूति निस्वार्थ भाव से कार्य करने से ही संभव है। श्री मानसारे ने इस दौरान 5 मिनट की एक वीडियो फिल्म भी दिखाई । सत्र को आगे बढ़ते हुए फ्रीडम ग्लास विधि के माध्यम से श्री फर्कले ने अपने जीवन में हुए व्यक्तिगत बदलाव को साझा करते हुए बताया कि हमारी खुशियों का आधार दूसरों की प्रति विश्वास है। यही खुशी हमारे जीवन में सकारात्मक लाती है। अंतिम सत्र में मास्टर ट्रेनर श्री गुप्ता ने सी सी डी विधि के माध्यम से जीवन में हुए 180 डिग्री सकारात्मक परिवर्तन को रत्नाकर पर आधारित 8 मिनट की एक वीडियो फिल्म से सभी प्रतिभागियों को समझाया। आपने इस दौरान कहा कि सकारात्मक ही जीवन है, नकारात्मकता मृत्यु की ओर ले जाने वाला पहला कदम है। धार जिले की आनंदम सहयोगी अजीता खदेड़ा का विशेष सहयोग रहा। रजनी अहिरवार सहित गोपाल खत्री, विद्यापति विरकर, नैंसी बाफना, सोनू गोल्ड, भेरूलाल दाहोदिया, पप्पू सिंह जगदाले, कमला मोर, दीपा परमार, महेंद्र कुमार बागेश्वर, कलावती तोमर ने कार्यशाला में अल्पविराम लेने के बाद हुए अपने अनुभवों को सभी से साझा किया। अंत में मुख्य अतिथि सीईओ जनपद पंचायत धार देव श्री सोलंकी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस दौरान डॉ. कश्यप को मास्टर ट्रेनर श्री मानसरे एवं श्री सोलंकी सीईओ द्वारा अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया एवं राधे श्याम वैष्णव का सम्मान किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ. कश्यप ने किया एवं राधेश्याम वैष्णव अतुल ने सभी का धन्यवाद स्थापित किया।

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