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अस्पताल सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होने चाहिए,इनमें खासतौर पर उन जगहों को शामिल किया जाए, जहां लोगों का आना-जाना कम हो-कलेक्टर प्रियंक मिश्रा

अस्पताल सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होने चाहिए। इनमें खासतौर पर उन जगहों को शामिल किया जाए,जहां लोगों का आना-जाना कम है। सुरक्षा की दृष्टि से अस्पताल प्रबंधन रात में आकस्मिक निरीक्षण पर निकलें।

ये निर्देश आज कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में आज ज़िला कार्यालय के सभागार में ज़िले के शासकीय और निजी अस्पतालों के प्रबंधन,इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों,निजी चिकित्सकों की बैठक में कलेक्टर द्वारा दिए गए। बैठक में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह,मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी डॉ नरसिंह गहलोत भी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धामनोद में डॉक्टर और स्टॉफ को बंदूक से धमकाने वाले को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। उस व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस भी रद्द किया जा रहा है। ऐसी घटनाओं का दोहराव ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए यह बैठक आहूत की गई है।इसके साथ ही सभी एसडीएम द्वारा चिकित्सालयों, ऐसी संस्थाएँ जहाँ महिलाएं रात्रिकालीन ड्यूटी पर होती हैं – की सुरक्षा हेतु आकस्मिक निरीक्षण किया जा रहा है।
उन्हें प्रबंधन से चर्चा कर सुरक्षा व्यवस्था के लिए कार्यवाही हेतु पाबंद किया गया है।बैठक में निर्देश दिए गए कि अस्पताल के संवेदनशील क्षेत्र जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं जहां लोगों की आवाजाही कम हो. ऐसी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा, रोशनी एवं सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की जाए।समस्त चिकित्सालयों में प्रवेश एवं निर्गम द्वारों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की जाए।चिकित्सालयों में असामाजिक तत्वों को रोकने के इंतजाम किए जाएं। आवश्यकता होने पर महिला डॉक्टर के साथ रात में महिला सुरक्षाकर्मी जाएंगी।असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी लगातार राउंड लें। मरीज एवं परिजनों की सुरक्षा हेतु उचित व्यवस्था की जाए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की निगरानी और पेट्रोलिंग के संबंध में संबंधित अधिकारी से चिकित्सालय प्रबंधन बात करें।अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी और पर्याप्त बल हो। सिर्फ गंभीर रोगियों के अतिरिक्त अस्पतालों में एक रोगी के साथ एक स्वजन को ही अनुमति दी जाए। 11. शाम छह बजे के बाद अस्पतालों के प्रवेश द्वारा और वार्डों पर अनावश्यक व्यक्तियों का प्रवेश रोका जाए।बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी अस्पतालों में रखे गए सिक्यूरिटी गार्डों की प्रॉपर ट्रेनिंग की जाए। जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए। फीमेल डॉक्टर्स की वर्कशॉप आयोजित करें।अस्पतालों में हॉट लाइन का उपयोग करें।समय समय पर डायल-100 परिसर का विज़िट करे।

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