आंगनवाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाकर ECCE के लक्ष्यों की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश
अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा है कि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) की प्रभावी कार्य योजना तब ही संभव है जब हम विभागीय मैदानी अमले के अनुभवों और संसाधनों का व्यावहारिक उपयोग करें। आंगनवाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाना प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में निर्णायक कदम है।श्रीमती शमी ने यह भी रेखांकित किया कि ECCE नीति की सफलता का आधार उसके क्रियान्वयन में लगे अमले की सहभागिता है। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी अनुभवों का समावेश आगामी कार्य योजना की दिशा तय करेगा।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती शमी रविवार को मुख्य सचिवों के 5 वें राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतर्गत “Human Capital for Viksit Bharat” विषय की उप-थीम “ECCE: Laying the Foundation” पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रविवार को भोपाल के होटल लेक व्यू रेसीडेंसी में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी।
2047 के विकसित भारत की नींव ECCE में: आयुक्त महिला बाल विकास श्रीमती सूफिया
आयुक्त महिला एवं बाल विकास, श्रीमती सूफिया फारूकी वली ने कहा कि ECCE विकसित भारत के निर्माण की आधार शिला है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की निरंतर दक्षता विकास को आवश्यक बताते हुए कहा कि आज के आंगनवाड़ी केंद्रों में पल रहे बच्चे ही कल की निपुण मानव पूंजी हैं। मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत i-GoT ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का नियमित उपयोग परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को अद्यतन रखने में सहायक होगा।