आज की नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, नारी एक दुर्गा है और समय आने पर कालिका का भी स्वरूप है – मंत्री श्रीमती ठाकुर आज के समय में घर में जरूरत पड़ने पर महिलाओं को ही याद किया जाता है – विधायक श्रीमती वर्मा
आज की नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वो चाहे हमारे देश की रक्षा की बात हो या किसी खेल प्रतिस्पर्धा में स्वयं को साबित करना हो। महिलाएं हमेशा से आगे रह रही है। आज की नारी दुर्गा है और समय आने पर वह कालिका का भी स्वरूप बन जाती है। आज हर रूप में नारी है। सभी को जन्म देने वाली माता जगत जननी भी शक्ति स्वरूपा है।महिलाओं से अनुरोध किया कि वे अपनी बालिकाओं को सशक्त बनाएं। इसी नारी को आज घर- घर पूजा जाता है। उक्त बात केंद्रीय राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग सावित्री ठाकुर ने आज “शक्ति अभिनंदन अभियान” के समापन के अवसर पर धार में आयोजित शक्ति संवाद कार्यक्रम में महिलाओं से चर्चा की। उल्लेखनीय है की भारत सरकार द्वारा महिलाओं केे नेतृत्व आधारित विकास के लिए, महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा के मुद्दों पर जन जागरूकता उत्पन्न करने हेतु दिनांक दो से 11 अक्टूबर 2024 तक शक्ति अभियान चलाया गया है, जिसका आज समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मंत्री श्रीमती ठाकुर ने उपस्थित महिलाओं संवाद करते हुए कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं संचालित की है। उन्होंने कहा की आज के समय में सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य हो रहा है। इसी के तहत लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लाड़ली बहना सही कई योजनाओं को संचालित करने का केंद्र और राज्य सरकार ने जिम्मा उठाया है। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा हेतु बीमा भी कराया जाता है। मंत्री श्रीमती ठाकुर ने कहा की जिले की सभी गरीब महिलाओं का बीमा आवश्यक है। इसलिए हम सभी संकल्प ले की हम सुकन्या समृद्धि योजना अंतर्गत सभी बालिकाओं का बीमा कराने का कार्य कराएंगे। इसके आलावा धार जिले में कई क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया की बीमारी का साया है। जो की महिलाओं से अंश बच्चियों में दिखाई दे रहा है। इसलिए इसके बचाव हेतु हमारी सरकार के साथ ही कई सामाजिक संगठन भी कार्य करें। आप सभी महिलाएं अपना स्वास्थ्य परीक्षण समय समय पर कराएं। उन्होंने कहा की महिलाएं आगे बढ़कर विकसित भारत बनाने का सपना साकार कर रही है। साथ ही महिलाओं की इसमें बड़ी भूमिका है। आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं से चर्चा करते हुए विधायक नीना वर्मा ने कहा की आज के इतने व्यस्त दिन भी कार्यक्रम में शामिल हुई नारी शक्ति किसी से कम नही है। आज का नवरात्रि का दिन भी एक पावन दिन है। देवताओं ने भी नारी का ही सम्मान किया है। साथ ही आज हम भी घर में जरूरत पड़ने पर महिलाओं को ही याद करते है। उन्होंने कहा की महिलाएं घर के कार्य के साथ ही बच्चों को भी संभालती है। आज का यह कार्यक्रम महिलाओं और बच्चों पर आधारित है। आज के समय में नारी शक्ति जाग्रत हो गई है। आज यह हर क्षेत्र में अपना बेस्ट देती है। यह अपने आप को किसी से कम साबित नही होने देती है। आज के समय में परिवर्तन आया है और लोग शक्ति स्वरूपा कन्या को जन्म देकर उन्हें अपनाने लगे है। उपस्थित अतिथियों द्वारा उक्त कार्यक्रम में सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत 21 कन्याओं का पूजन कर बालिकाओं को पासबुक का वितरण किया। भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के तहत् सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गई है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्म लेने वाली बालिकाओं को भविष्य में आर्थिक कठिनाईयों से बचाना व बालिकाओं के विवाह एवं उच्च शिक्षा हेतु बड़ी राशि जमा करना है। सुकन्या समद्धि योजना एक छोटी बचत योजना है। जिसे लंबी अवधि के लिए संचालित किया जाता है । योजना अंतर्गत जिन बालिकाओं के माता-पिता एक वर्ष में 1.5 लाख या इससे अधिक राशि का निवेश सकते है तो, इस निवेश पर आयकर में छूट प्राप्त होती है। योजना के तहत् 10 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के नाम पर परिवार का कोई भी सदस्य योजना में खाता खुलवा सकता है तथा इसमें 15 वर्ष तक निवेश किया जाता है। इसी परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है। मंत्री श्रीमती ठाकुर ने कहा की जिले मे जनसहयोग से बालिकाओं के खाते खुलवाये जाएंगे। भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं मध्यप्रदेश शासन महिला एवं बाल विभाग द्वारा हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वूमेन अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर (सखी) में जागरूकता एवं महिला सशक्तिकरण हेतु जिला स्तर पर वाहन सुविधा प्रदान की गई। जिसका शुभारंभ कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों द्वारा द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। वन स्टॉप सेंटर (सखी) 24.7 घण्टे प्रदान की जाने वाली सहायता है। जिसमें किसी भी हिंसा से पीड़ित महिला व बालिकाओं को एक ही छत के नीचे छः सहायता जैसे पुलिस सहायता, आपातकालीन सहायता, कानूनी सहायता, परामर्श सहायता, स्वास्थ्य सहायता, व आश्रय की सहायता प्रदान की जाती है। वन स्टॉप सेंटर पर मुख्यत घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडन, यौन हिंसा, अनैतिक संबंध लिव इन रिलेशन मानसिक व शारिरिक प्रताड़ना के प्रकरणों पर कार्यवाही कि जाती, आवश्यक कानूनी व न्यायिक प्रक्रियाओं में सहायता प्रदान की जाने का प्रयास किया जाता है। अतः कार्यवाही को अधिक सुचारू किया जा सकें अधिक महिलाओं को सुरक्षा मिल सकें व महिला व बालिका अपने अधिकारों को भली भांति समझे व सशक्त व मजबूत हो सके यही मुख्य उद्देश्य है।