कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को दी चेतावनी-CM हेल्पलाइन के निराकरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने सोमवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक में सख्त लहजे में कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए अब तक कोई ठोस व्यवस्था या कार्य संस्कृति क्यों विकसित नहीं हो पाई है। ये ही वजह है कि आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि अक्सर ये देखा गया है कि बिना डाँटें या कारण बताओ सूचना पत्र दिए बिना कार्य में प्रगति परिलक्षित नहीं होती है। कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि इस बार केवल चेतावनी स्वरूप सुधार के लिए सुझाव दिए जा रहे हैं, लेकिन भविष्य में यदि लापरवाही मिली तो संबंधित अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समय सीमा में सेवाएं देना अनिवार्य है। राजस्व विभाग की सेवाओं में विलंब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक शिकायत का समय पर निराकरण हो, और सभी कार्य पारदर्शी एवं उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से हों। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए कार्य करना चाहिए, न कि अपने पद का अनुचित उपयोग करते हुए जनता को परेशान करना। कलेक्टर ने फीडबैक प्राप्त करने की मंशा से रेंडमली अनिल कुमार पिता माँगी लाल सरदारपुर तहसील से उनके लोकसेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सीमांकन के लंबित आवेदन के संबंध में पूछताछ की। अनिल कुमार ने बताया पटवारी आया था और रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत किए जाने पश्चात सीमांकन होगा। बैठक में (नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, अपील से लंबित प्रकरणों की समीक्षा), सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत लोक सेवा गारंटी की समीक्षा, वाटरशेड योजना (वामिव योजना) की प्रगति, फार्मर रजिस्ट्रेशन की स्थिति, पीएम किसान योजना अंतर्गत आधार से बैंक खातों को लिंक करना, एफआरए मृतक किसानों को लाभ दिलाना, स्वयं पंजीकृत आवेदनों का निराकरण, मृतक एवं अपात्र किसानों की एंट्री, राजस्व वसूली की समीक्षा, आधार लिंकिंग की प्रगति, राजस्व अभिलेख में त्रुटियों की समीक्षा एवं शुद्धिकरण की स्थिति, मजरा-टोला गतियों की स्थिति, वन भूमि से राजस्व भूमि में संपत्ति परिवर्तन, डायवर्सन डाटा एंट्री की स्थिति, साइबर तहसील निराकरण एवं लंबित प्रकरणों की स्थिति, भू-अर्जन से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा, भू-अर्जन आदेशों का अभिलेखों में अमल, मंदिरों से संबंधित जानकारी एवं मंदिरों से संबंधित कोर्ट केसों की स्थिति, भूमि आवंटन प्रकरणों की समीक्षा, सीएम मॉनिटरिंग/हाउस की समीक्षा, पीड़ित प्रतिकार से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा, राजस्व विभाग के निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति एवं लंबित कार्यों की समीक्षा, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में अवमानना से संबंधित लंबित मामले तथा विभागीय परिसंपत्तियों के अनुरक्षण कार्य की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की स्मीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक में एडीएम अश्वनी कुमार रावत सहित जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।