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ग्राम पंचायत कलमी की समस्याओं के निराकरण हेतु सरपंच लीला से कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए किया संवाद

जनपद पंचायत डही के सुदूर अंचल में स्थित ग्राम पंचायत कलमी की सरपंच लीला ने बीते दिनों पंचायत क्षेत्र में व्याप्त पेयजल संकट, जर्जर सड़कें और अधूरी पुलिया निर्माण जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को पत्र लिखकर अवगत कराया था। पत्र में उन्होंने निवेदन किया था कि इन ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा हेतु पंचायत प्रतिनिधिमंडल को कलेक्टर से भेंट का समय दिया जाए।
     पत्र पढ़ते ही कलेक्टर श्री मिश्रा ने गहराई से महसूस किया कि यदि ग्रामीणजन इतनी दूर से चलकर आएंगे तो न केवल उनकी मेहनत और समय व्यर्थ होगा, बल्कि प्रशासन का दायित्व भी अधूरा रह जाएगा। उन्होंने तुरंत यह निर्णय लिया कि जनप्रतिनिधियों को बुलाने की बजाय तकनीक के माध्यम से खुद उनके पास पहुँचा जाए। इसी भावना से प्रेरित होकर उन्होंने सरपंच लीला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया।
      आज कलेक्टर श्री मिश्रा ने जिला मुख्यालय से ग्राम पंचायत कलमी की सरपंच लीला से वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए विस्तार से चर्चा की। बातचीत के दौरान सरपंच ने पंचायत क्षेत्र की ज़मीनी हकीकत बताई, जिस पर कलेक्टर ने गंभीरता से विचार करते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक चौधरी को निर्देशित किया कि समस्त समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
     कलेक्टर श्री मिश्रा ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि ग्रामीणजन की पीड़ा को समझना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, एक मानवीय कर्तव्य भी है। हमें चाहिए कि हम उनकी समस्याओं को सुनने स्वयं उनके समीप जाएँ।
    जिला प्रशासन की स्पष्ट मंशा है कि अब ग्रामीणों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए जिला मुख्यालय की परिक्रमा न करनी पड़े। इसी उद्देश्य से कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे प्रत्येक मंगलवार को किसी एक ग्राम पंचायत में जाकर जनसुनवाई करें और वहाँ के निवासियों को पहले से इसकी सूचना दी जाए, ताकि आमजन खुलकर अपनी बात रख सकें।यह कदम न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि तकनीक के माध्यम से शासन और जनता के बीच की दूरी को सहजता से पाटा जा सकता है। ग्राम पंचायत कलमी से हुआ यह संवाद एक उदाहरण है कि जब प्रशासन संवेदनशीलता और मानवीयता से काम करता है, तो समाधान स्वयं रास्ता बना लेते हैं।

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