बंद करे

जल गंगा संवर्धन अभियान-जनभागीदारी से होगा जल स्रोतों का पुनरुद्धार

जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “जल गंगा जल संवर्धन अभियान” की शुरुआत हो चुकी है, जो 30 जून तक सतत रूप से चलेगा। इस महाअभियान का उद्देश्य न केवल नए तालाबों का निर्माण और पुराने जल स्रोतों का पुनरुद्धार करना है, बल्कि जनसहभागिता से इसे एक जन आंदोलन का रूप देना भी है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में इस अभियान को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी, डीएफओ अशोक सोलंकी सहित सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे। साथ ही, नीलेश भारती और चंचल पाटीदार वर्चुअली जुड़े। बैठक में कलेक्टर ने अभियान को केवल सरकारी आयोजन तक सीमित न रखने की अपील की और सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपेक्षा जताई। बेहतर कार्य करने वाली तीन संस्थाओं को स्वतंत्रता दिवस पर नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित करने की भी घोषणा की गई। अभियान के तहत न केवल नए तालाब बनाए जाएंगे, बल्कि पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुओं का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। मंदिरों की भूमि पर वृक्षारोपण के साथ-साथ वहाँ के जल स्रोतों की सफाई की जाएगी। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें। राजस्व विभाग तालाबों की पहचान कर उन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज करेगा और अवैध अतिक्रमण हटाए जाएंगे। नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में वाटरशेड प्रबंधन के तहत जल संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि जन-जन के जीवन से जुड़ा विषय है। इसे जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा, जिसमें स्थानीय समुदाय, जनप्रतिनिधि, संत, स्वयंसेवी संगठन और सरकारी विभाग मिलकर योगदान देंगे। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा और प्रत्येक गांव से जल संरक्षण के लिए युवाओं को ‘जलदूत’ के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘जल पंचायतों’ का आयोजन होगा। अभियान की सफलता के बाद ‘वरुण पूजन’ और ‘जल अभिषेक’ का आयोजन किया जाएगा, जिससे जल संरक्षण को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप दिया जा सके। यह पहल न केवल जिले के जल स्रोतों को पुनर्जीवित करेगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण की दिशा में एक मिसाल कायम करेगी।

"> ');