जागरूकता अभियान अंतर्गत जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने विषय पर वन स्टॉप सेंटर धार द्वारा शहरी परियोजना कार्यालय में कार्यशाला आयोजित हुई
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री सुभाष जैन के मार्गदर्शन हब फॉर इम्पावर मेंट ऑफ़ वुमन अंतर्गत 25 नवंबर 2025 से 23 दिसंबर 2025 तक अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस एवं 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जागरूकता अभियान अंतर्गत जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने विषय पर वन स्टॉप सेंटर धार द्वारा शहरी परियोजना कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें परियोजना अधिकारी सुश्री सुनीता चौहान द्वारा सभी सुपरवाईजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के अंतर्गत अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, की जानकारी दी गई । साथी बताया गया कि महिला के साथ कार्य स्थल पर किसी भी प्रकार अश्लील इशारे, छेड़खानी, अवांछित शारीरिक , मौखिक या अमौखिक व्यवहार अश्लील साहित्य शारीरिक संपर्क, लैंगिक अनुकूलता की माँग महिला के रंग कपड़ों एवम बनावट को लेकर टिप्पणी करना । जिससे की महिला असुरक्षित महसूस करती है, वह अपने आप को असहज महसूस करती है तो यह सभी कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कहलायेंगे । आंगनवाड़ी केंद्र पर आंतरिक समिति नहीं होती है । यदि किसी भी महिला के साथ लैंगिक उत्पीड़न,दुर्व्यवहार होता है तो वह समझ नहीं पाती कि वह कहा जाकर शिकायत करें । उन्हें समझाया गया कि वह महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित परिवाद समिति मैं अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है । परिवाद समिति द्वारा शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी । किसी भी शिकायत को 3 महीनों के अंदर दर्ज करवाया जा सकता है और शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्यवाही भी 90 दिनों में करना आवश्यक होता है । साथ ही यदि शिकायतकर्ता को लगता हैं कि उसे अन्य स्थान जैसे पुलिस स्टेशन या कोर्ट से भी कार्यवाही चाहिए तो वह अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं । कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता 3 महीने तक स्वैच्छिक अवकाश भी ले सकते है । इस अवकाश का पैसा नहीं कटेगा । साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 ,पीड़ित मुआवजे के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता 2023 ,एवं बालिकाओं , महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के अंतर्गत संचालित महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क, महिला थाना ,जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए हिंसा होने पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करते है, देहज़ निषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही करने वाले स्थानों की जानकारी प्रदान की गई । इसी प्रकार किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं हेतु संचालित वन स्टॉप सेंटर जो एक ही छत के नीचे पुलिस सहायता, आश्रय सहायता, आपात्कालीन सहायता, परामर्श सहायता, स्वास्थ्य सेवा, क़ानूनी सहायता प्रदान करता है की जानकारी प्रदान की गई। महिला हेल्पलाइन नंबर 181 ,112 पुलिस हेल्पलाइन नंबर साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 ,चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 आदि की जानकारी प्रदान की गई।