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जिले में जल गंगा जल संवर्धन अभियान 30 मार्च से होगा प्रारंभ नये तालाब बनेंगे, पुराने जल स्रोतों का होगा जीर्णोद्धार, सघन वृक्षारोपण भी किया जाएगा

जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “जल गंगा जल संवर्धन अभियान” 30 मार्च से प्रारंभ किया जाएगा, जो 30 जून तक सतत रूप से चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत नये तालाबों का निर्माण, पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने अधिकारियों को अभियान की विस्तृत रूपरेखा बनाकर समयावधि में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी ने अभियान के तहत किए जाने वाले प्रमुख कार्यों का ब्योरा देते हुए बताया कि इसके तहत 50 नये अमृत सरोवर बनेंगे – अमृत सरोवर 2.0 योजना के तहत 50 नए तालाबों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लगभग 12 करोड़ रुपये व्यय होने की संभावना है। अब तक 35 स्थलों का चयन किया जा चुका है।तालाबों का सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई – राजस्व विभाग तालाबों की पहचान कर उन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज करेगा और अवैध अतिक्रमण हटाए जाएंगे।नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में जल संरक्षण कार्य – जिले की प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में वाटरशेड प्रबंधन के तहत जल संरचनाओं का निर्माण होगा। पूर्व निर्मित जल संरचनाओं का पुनरुद्धार – पुराने अनुपयोगी चेक डेम और स्टॉप डेम का सर्वे कर उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा।वृहद वृक्षारोपण अभियान – महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वानिकी व उद्यानिकी पौधरोपण किया जाएगा।जलदूतों की नियुक्ति – प्रत्येक गाँव से 1-2 युवाओं को जलदूत बनाया जाएगा, जो जल संरक्षण के कार्यों में सहयोग करेंगे।जल पंचायतों का आयोजन – जल संरक्षण की जागरूकता के लिए पानी चौपाल/पानी पंचायत/जल पंचायत आयोजित की जाएंगी।

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