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डायानासौर राष्ट्रीय उद्यान का यूनेस्कों एवं लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा निरीक्षण किया

यूनेस्कों के वैश्विक जिओपार्क के कार्यकारी वैज्ञानिक डॉ. अलीरेजा (ईरान) एवं लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. सतीश त्रिपाठी और श्री खोजेमा नजमी (भू-गर्भशास्त्र विशेषज्ञ) द्वारा बाग स्थित डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान का गुरुवार को निरीक्षण किया गया। राष्ट्रीय उद्यान में संरक्षित किये गए डायनासौर के जीवाश्म, विभिन्न प्रकार की चट्टानों, समुद्री जीवों के जीवाश्म और वानस्पतिक जीवाश्मों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया। डॉ अलीरेजा द्वारा जीवश्म की प्रचुर मात्रा को देख आश्चर्य व्यक्त किया एवं वनमण्डल धार द्वारा जीवाश्म संरक्षण हेतु किये गये प्रयासों को सराहा गया। डॉ अलीरेजा द्वारा डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान को वैश्विक जिओपार्क की मान्यता हेतु प्रस्तावित करने की अनुशंसा की बात कही गई एवं बाग गुफाओं का सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक स्तर पर अध्ययन करने पर विशेष जोर दिया गया है। डॉ. सतीश त्रिपाठी द्वारा सभी जीवाश्मों की विशेषता बताई गई एवं शोध व संरक्षण की भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।
       वनमंडलाधिकारी धार विजयनंथम टी.आर. द्वारा बताया गया कि डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान को आधुनिक जिओपार्क बनाने हेतू प्रयास किये जा रहे है एवं समस्त जीवाश्मों का डिजिटल डॉक्युमेंटेशन भी किया जाएगा, जो इसे वैश्विक पहचान देगा। उपवनमंडलाधिकारी संतोष कुमार रनशोरे द्वारा बाग के आसपास स्थित समस्त जीवाश्म स्थलों एवं बाग की गुफाओं की जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों के दल के साथ वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ शैलेन्द्र सोलंकी एवं श्री सुनील बघेल व वेस्ता मण्डलोई उपस्थित रहें। सम्पूर्ण डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कराया एवं आज दिवस तक किये गये प्रयासों के बारें में जानकारी दी गई।

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