डिजिटल स्टूडियो में मृदा परीक्षण की विधियों का विडियो बनाकर प्रसारित करें – कलेक्टर श्री मिश्रा
डिजिटल स्टूडियो में मृदा परीक्षण की विधियों का विडियो बनाकर प्रसारित करें। उद्यानिकी विभाग वेजिटेबल क्लस्टर पर कार्य कर हासिल उपलब्धि से अवगत कराएँ । स्व सहायता समूह की नर्सरियों के उत्पाद की और अधिक मार्केटिंग हो। जिले के लिए चारागाह विकास योजना के प्रस्ताव बनाकर प्रेषित करें। एसएचजी, एफपीओ और एनएलएम के वृहद् प्रस्ताव तैयार करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कृषि एवं संबद्ध विभागों को समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि ईएमआरएस के टीचर बच्चों को भूमि के हेल्थ के बारे में जानकारी देते हुए इस दिशा में शिक्षा दें । वेजिटेबल क्लस्टर के लिए ऐसे स्थान का चयन करे जहां से डेली सब्ज़ी को भेजा जा सके । सौफ के उत्पादन में टारगेट की मांग कर कार्यवाही करें। उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में जहां बाउंड्रीवाल नहीं है , वहां उसके लिए कार्यवाही करें। एनआरएलएम के स्वसहायता समूह जिनके पास राशि है उनकी नर्सरी का विस्तार करें। मछली पालन विभाग के फिश पार्लर के लिए भूमि का चयन कर लें। दुग्ध समिति सांची पार्लर के लिए सभी कार्यवाही कर लें। बैठक में बताया गया कि मृदा परीक्षण एवं मृदा नमूना एकत्रिकरण के संबंध में जिले में 5 एकलव्य मॉडल रेसीडेन्शियल स्कूल विकासखण्ड धार, गंधवानी, कुक्षी, डही, मनावर का चयन किया गया है। विकासखण्ड अन्तर्गत एकलव्य स्कूल में निवासरत छात्र-छात्राओं को कृषि विभाग, आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी / वैज्ञानिको के माध्यम से भूमि की उर्वरा शक्ति को जानने हेतु प्रशिक्षण दिया जावेगा। जिसमें मृदा नमूना कैसे लिया जाता है एवं विश्लेषण कर पौषक तत्वों की कमी के बारे में प्रशिक्षित किया जावेगा, जिससे भूमि में विध्यमान तत्वों के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग किसानों के द्वारा किया जावेगा, छात्रों को मृदा में उपस्थित तत्वों की कमी का ज्ञान प्राप्त होगा एवं छात्र-छात्राएँ कृषक परिवार व ग्रामीण क्षेत्रों से निवासरत होने से कृषकों में भी मृदा स्वास्थ के प्रति जागरूकता पैदा होगी। बैठक में जिले के किसान उत्पादक संगठन के बोर्ड ऑफ डाईरेक्टर तथा सीईओं द्वारा नवाचार गतिविधियों खाद्यय प्रसंस्करण ईकाईयों के निर्माण तथा बनाये गये उत्पादों के बाजार लिंकेज एवं माकेटिंग के तरिके के बारे में विस्तृत चर्चा की गई । साथ ही बिरसा कृषि विकास किसान उत्पादक कम्पनी लिमिटेड उमरबन द्वारा सौफ फसल की पैकिंग एवं विक्रय के बारे में बताया गया। डही फार्मर कम्पनी लिमि जो की महिला एफपीओं है जिनके द्वारा मोटा अनाज का प्रसंस्करण कर कुकिज तैयार कर विकृय की जा रही है। इस हेतु महिला बाल विकास विभाग अन्तर्गत कुपौषित बच्चों के पौषण हेतु उपयोग किये जाने के निर्देश दिये। सृजन धारा फार्मर प्रोड्युसर कम्पनी द्वारा वृहद स्तर पर गेहूँ खरीदी एवं पैकिंग के सबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने उप संचालक उद्यानिकी को निर्देश दिए कि किसान उत्पादक संगठन जो मिलेट प्रोसेसिंग पर कार्य करना चाहते है उनका प्रधानमंत्री सुक्ष्म लघु उन्नयन योजनान्तर्गत एवं एआईएफ अन्तर्गत पंजीयन कराकर सहयोग प्रदान करे। उद्यानिकी विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन अन्तर्गत स्वसहायता समुह के माध्यम से नर्सरी में दीदी केफे का आउटलेट खोलकर फल-फूल एवं मदर प्लांट का विकृय करें एवं समुह को मजबुत बनाये। परियोजना संचालक आत्मा द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना अन्तर्गत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में बायों इनपुट रिसॉस यूनिट स्थापित करने एवं बनने वाले जैविक कीटनाशक के बारे में बताया तथा किसान उत्पादक संगठन के सदस्यों को भी रिसॉस यूनिट से जैविक उत्पाद खरीदने हेतु प्रोत्साहित करे।