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तालाब के जल भराव क्षेत्र एवं नहरों से उद्वहन हेतु जल संसाधन विभाग की अनुमति के बिना विद्युत संयोजन नहीं दिए जावे-बिजली कंपनी के अधिकारियों को कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देश जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न

 कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला जल उपयोगिता समिति की अध्यक्षता में  मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजि हुई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी, अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में उन्होंने निर्मित एवं निर्माणाधीन वृहद, मध्यम एवं लघु जल संरचनाओं की संकलित जानकारी के लिए जिले के संबंधित विभाग जिसमे नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत ओंकारेश्वर परियोजना, मान परियोजना, चन्द्रशेखर आजाद सागर (जोबट) परियोजना, जल संसाधन संभाग झाबुआ से माही परियोजना एवं जल संसाधन संभाग, धार, मनावर से जानकारी प्राप्त की गई।

  बैठक में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग द्वारा गत वर्ष 2023-24 में लक्ष्य अनुरूप की गई रबी सिंचाई के आंकड़े तथा रबी सिंचाई वर्ष 2024-25 के प्राप्त लक्ष्य निर्धारण एवं प्राप्त पेयजल आरक्षण के आंकड़े प्रस्तुत किए गए।     
      कलेक्टर श्री मिश्रा द्वारा उक्त जानकारी अनुसार रबी सिंचाई वर्ष 2024-25 के प्राप्त लक्ष्य 1,80,524 हेक्टर एवं प्राप्त पेयजल आरक्षण32.191 मि.घ.मी. के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। साथ ही पानी की उपयोगिता (ड्रीप सिंचाई के लाभ) सुनिश्चित करने के लिए धार एवं खरगोन जिले की संयुक्त कार्यशाला जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मण्डलेश्वर, मनावर, नर्मदा घाटी विकास विभाग, ग्राम पंचायत, का आयोजन सम्पूर्ण तैयारी कर लिए जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही कार्यशाला के पश्चात ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों के साथ बैठक आयोजित की जाकर प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
    कलेक्टर श्री मिश्रा ने वृहद स्तर पर जल संसाधन, नर्मदा विकास विभाग, नगरपालिका, नगर परिषद, म.प्र.वि.मण्डल, एवं अन्य सभी संबंधित विभाग द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जाकर पानी की चोरी रोकी जाने का युद्ध स्तर पर प्रयास करें। आवश्यकता होने पर पुलिस प्रशासन का सहयोग भी प्राप्त करें तथा किसी भी प्रकार की होने वाली परेशानियों से जिला प्रशासन को भी तत्काल अवगत कराया जाएं।
     उन्होंने मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी धार के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल संसाधन विभाग के बिना अनापत्ति प्रमाण-पत्र के किसी भी कृषक को सिंचाई हेतु तालाब के जल भराव क्षेत्र एवं नहरों से उद्वहन हेतु जल संसाधन विभाग की अनुमति के बिना विद्युत संयोजन नहीं दिए जावे, ताकि निर्धारित क्षेत्र के कृषकों को जलापूर्ति निर्बाध होकर नहरों के अंतिम छोर (टेल) से सुचारू सिंचाई सुविधा प्रदान की व्यवस्था की जा सकें।
  कलेक्टर श्री मिश्रा ने रबी सीजन के दौरान नहर को असामाजिक तत्वों द्वारा क्षति पहुॅचाये जाने की स्थिति में उनके विरूद्ध एफ.आय.आर. दर्ज कराएं। पानी की चोरी न हो तथा नहरों में कतिपय तत्वों द्वारा कोई क्षति न पहुॅचाई जाएं। इस हेतु पुलिस प्रशासन से सहयोग लिए जाने हेतु कहा गया है। कमाण्ड क्षेत्र के कुछ कृषकों द्वारा नहर से आवश्यकतानुसार पानी लिया जाने के पश्चात बंद नहीं किया जाता है तथा पानी को नालों में छोड़कर व्यर्थ बहाया जाता है। इस संबंध में भी निर्देशित किया गया कि इस प्रकार के कृत्य को रोकने की पूर्व में समझाईश देने के पश्चात भी पुनरावृत्ति हो रही हो तो उनके विरूद्ध एफ.आय.आर. दर्ज कराई जाए।
   कलेक्टर श्री मिश्रा ने निर्देश दिए की पेयजल हेतु आरक्षित जल का उपयोग संबंधित निकाय द्वारा न किए जाने की स्थिति में भी आरक्षित जल का राजस्व जमा किया जाना आवश्यक है। आरक्षित किए गए पेयजल की सुरक्षा हेतु जल संसाधन विभाग के पास देखरेख के लिए पर्याप्त विभागीय अमला न होने से संबंधित निकाय को अपने स्तर से सुरक्षा की जिम्मेदारी निर्वहन की जाना होगी। इसके अलावा मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन समिति को दिए गए पट्टो के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर मत्स्य विभाग को निर्देशित किया गया कि पट्टा देने वाली शर्तों में यह उल्लेख किया जाएं कि वेस्टवियर पर किसी भी प्रकार से पानी को बाधित नहीं किया जाए। यदि किसी भी प्रकार का जाली एवं अन्य प्रकार से अवरोध उत्पन्न पाया गया तो पट्टा निरस्त किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए की मांडव  के अंतर्गत के सागर तालाब से पेयजल की स्वीकृत निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त पानी नदी दिया जाए। माण्डव पुरातत्वीय धरोहर होकर पर्यटन स्थल है तथा मछली, निस्तार एवं पशु पक्षी के लिए पानी सहेज कर रखा जाने हेतु मुख्य नगरपरिषद, माण्डव को जिम्मेदारी सौपी गई है। बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा अवगत कराया गया हैं कि विगत वर्षो से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायतों द्वारा पिछला जल कर बकाया राशि जल संसाधन विभाग में जमा नहीं कराई जा रहा हैं। नियमानुसार जल कर जमा न करने की स्थिति में जल आपूर्ति बन्द कर दी जावेगी। जिसपर कलेक्टर श्री मिश्रा ने जलकर शीघ्र जमा कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

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