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तूलिका के माध्यम से इतिहास को किया जीवंत जिला पुरातत्व संग्रहालय में पुरातत्व विभाग ने चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया

चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को पुरातत्व महत्व की आकृतियां बनाने का महत्वपूर्ण अवसर मिला। अपने इतिहास से परिचित होना बहुत जरूरी है और ऐसे आयोजनों से बच्चों में ज्ञान के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है। ऐसी कलाकृतियां तैयार करें जो धार से निकलकर भोपाल तक आपका व शहर का नाम रोशन करें।
उक्त बात शनिवार को यहां किला परिसर स्थित जिला पुरातत्व संग्रहालय में पुरातत्व विभाग द्वारा सेवा पर्व के शक्ति स्पंदन चित्रकला प्रतियोगिता के शुभांरभ अवसर पर मुख्य अतिथि तहसीलदार श्री दिनेश उईके ने विद्यार्थियों से कही। उन्होंने कहा कि “आप आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में भी शामिल होंगे, इसलिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की तैयारी अभी से करें।” विशेष अतिथि जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी श्री प्रवीण शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को स्थानीय इतिहास से परिचित होना चाहिए। इतिहास पर आधारित चित्र बनाकर वे अतीत को जीवंत कर सकते हैं। किला परिसर में रखी हुई महत्वपूर्ण मूर्तियां और राजा भोज पर आधारित प्रदर्शनी को देखने की भी प्रेरणा दी गई। इस अवसर पर पुरातत्व विभाग के सहायक संग्राध्यक्ष डाॅ. डीपी पांडे ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह एक विशेष पहल की गई है। अलग-अलग समूहों में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। कार्यक्रम में दिनेश मंडलोई, गुरुदत्त कांटे सहित विभिन्न स्कूलों के शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं ललित कला महाविद्यालय के प्रोफेसर व स्टाफ भी उपस्थित रहे।

बच्चों की कल्पना के रंग
प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी कल्पना से अद्भुत चित्र उकेरे। किसी ने राजा भोज पर आधारित तो किसी ने धार किले की प्राचीन भव्यता को कैनवास पर उतार दिया। कुछ बच्चों ने भविष्योन्मुख चित्र बनाते हुए यह दिखाया कि कैसे पुराना इतिहास और आधुनिकता मिलकर एक नई दिशा दे सकते हैं। उनकी तूलिका के रंगों में कभी शौर्य झलकता था, तो कभी संस्कृति और परंपरा की गरिमा। ऐसा लगा मानो बच्चे केवल चित्र नहीं बना रहे, बल्कि इतिहास को अपने हाथों से फिर से लिख रहे हों।

प्रतियोगिता के विजेता घोषित
प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार ललित कला महाविद्यालय धार के छात्र धारणा मनोज शर्मा को प्राप्त हुआ। जबकि द्वितीय पुरस्कार शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक एक की छात्रा हर्षिता महेंद्र शर्मा को मिला। तृतीय पुरस्कार शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की छात्रा अंशिका सुरेश बुंदेला को दिया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. साधना सिंह चौहान, विभागाध्यक्ष, चित्रकला, शासकीय महाराजा भोज महाविद्यालय, धार; शाहनवाज खान, माध्यमिक शिक्षक और कमल कुमार टोपिया माध्यमिक शिक्षक शामिल थे।

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