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दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अश्विनी कुमार रावत ने लोकसभा आम निर्वाचन 2024 अंतर्गत संसदीय लोकसभा क्षेत्र 25 धार-महू (अ.ज.जा.) की घोषणा के तहत धार जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 धारा 144 के अधीन यह प्रतिबन्धित आदेश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म जैसे व्हाट्स ऐप, फेसबुक, एक्स, टेलीग्राम, स्नेपचेट, थ्रैडा, एसएमएस, इंस्टग्राम इत्यादि का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनाओं एवं विद्वेष को भडकाने के लिये किसी भी प्रकार के संदेशों के प्रसारण नही करेगा। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त वर्णित सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, ऑडियो, वीडियो, इत्यादि भी सम्मिलित है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनायें भड़क सकती है या साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा हो, प्रसारित नहीं करेगा या भेजेगा। सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, साम्प्रदायिक एवं जातिगत भावनाए भड़क सकती हो, को कमेट लाइक, शेयर या फारवर्ड नहीं करेगा। ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके। कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने के या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिसा हेतु फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिये प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर भड़काने / उन्माद उत्पन्न करने वाले संदेश जिससे लोगों या समुदाय विशेष में हिंसा या गैर कानूनी गतिविधिया उत्पन्न हो जाये, को प्रसारित नहीं करेगा और ना ही लाइक, शेयर या फॉरवर्ड करेगा या न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति/समुदाय ऐसे संदेशों को प्रसारित नही करेगा, जिनसे किसी व्यक्ति/संगठन/समुदाय आदि को एक स्थान पर एक राय होकर जमा होने, कौन से या कोई विशेष कार्य, गैर कानूनी गतिविधियों को करने हेतु आव्हान किया गया हो, जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना विद्यमान हो। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर अन्य आदेश तक प्रभावशील रहेगा। यह आदेश धार जिले में निवासरत् प्रत्येक नागरिक पर लागू रहेगा।उक्त आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, सायबर विधि तथा अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

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