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धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समापन एवं जनजातीय गौरव दिवस पर जिला स्तरीय समारोह सम्पन्न

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के समापन एवं जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम लालबाग परिसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरीय विकास, आवास एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय रहे। उनके साथ महंत निलेश भारती, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मयंक अवस्थी सहित जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में समारोह का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जनजाति समाज ने भारत के इतिहास में जो योगदान दिया है, उसे लंबे समय तक उचित स्थान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के दमन के दौर में जनजाति वीरों ने निर्भीक होकर संघर्ष किया और बिरसा मुंडा के नेतृत्व में ऐतिहासिक विद्रोह को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा 2021 में बिरसा मुंडा को ‘भगवान बिरसा मुंडा’ की उपाधि दिए जाने और 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किए जाने के बाद पूरे देश में यह दिवस गौरव के साथ मनाया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि जनजाति समाज सदैव वीरता, साहस और राष्ट्रधर्म का प्रतीक रहा है। मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक के संघर्षों में जनजाति योद्धाओं ने तीर-कमान और गोफन के बल पर दुश्मनों को पीछे हटाया। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी की सेनाओं में भी जनजाति योद्धाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही, किंतु इतिहासकारों ने इन योगदानों को उपेक्षित किया। उन्होंने झारखंड के विद्रोह के नेता बुधु भगत को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के अत्याचारों के विरुद्ध जनजाति समुदाय को संगठित किया। सिद्धू-कानू के विद्रोह का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों भाइयों ने अंग्रेजों को कई बार चुनौती दी और अंततः प्राणों का बलिदान देकर इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि आज देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का होना जनजाति समाज के सम्मान का प्रतीक है। 1857 की क्रांति में भीमा नायक, शंकर शाह और रघुनाथ शाह जैसे जनजाति वीरों के योगदान को याद करते हुए मंत्री ने बताया कि शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए। पचमढ़ी के राजा भगवत सिंह के साहस को भी उन्होंने याद किया, जिन्होंने केवल ढाई–तीन सौ सैनिकों के साथ पांच हजार अंग्रेजी सिपाहियों को मधुमक्खियों के छत्ते का प्रयोग कर पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे क्रांतिकारियों को उचित स्थान और सम्मान दिलाने का काम किया है। उन्होंने टंट्या मामा के संघर्ष का उल्लेख करते हुए बताया कि अंग्रेज उनके नाम से भयभीत रहते थे और ट्रेनें भी उन्हें सलामी देने के लिए रुकती थीं। मंत्री ने कहा कि सरकार ने जनजाति समाज के उत्थान और सम्मान के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति के नाम पर करना, छिंदवाड़ा में शंकर शाह विश्वविद्यालय की स्थापना और शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में बड़े स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन इसी दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने बताया कि आज बड़ी संख्या में जनजाति युवा डॉक्टर, इंजीनियर, इंस्पेक्टर, कलेक्टर और उच्च पदों पर चयनित हो रहे हैं। कार्यक्रम में मंत्री ने यह भी बताया कि 12 नवंबर को मुख्यमंत्री द्वारा लाड़ली बहनाओं को करोड़ों रुपये की राशि भेजी गई है, जिनमें बड़ी संख्या में बहनें जनजाति समाज से हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य महिला, युवा, किसान और गरीब,इन चार वर्गों को सशक्त बनाना है, और उसी अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समारोह के अंत में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जनजाति समाज से शिक्षा, राजनीति और नेतृत्व के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस की सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए “भारत माता की जय” का उदघोष किया। प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। समारोह में शैक्षणिक, पर्यावरण, खेल तथा सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को मंच पर बुलाकर प्रशस्ति पत्र और सम्मान प्रदान किया गया। समारोह में कृष्णपालसिंह पिता प्रतापसिंह बघेल, ग्राम अगावा डही (धार) को MP PSC 2025 में डिप्टी कलेक्टर चयनित होने पर सम्मानित किया गया।खेल क्षेत्र से अनेक प्रतिभाओं ने अपनी उपलब्धियों से जिले का नाम रोशन किया। कु. रागीश्री, ग्राम नालछा (धार) को हॉकी नेशनल, कु. गोलू पिता धर्मेन्द्र, ग्राम मरकेड़ा कुक्षी को नेशनल हैंडबॉल, कु. दिव्यांशी पिता सतीश, सरदारपुर को दो बार फुटबॉल नेशनल, तथा कु. अर्चीता पिता कमल निनामा, सरदारपुर को फुटबॉल नेशनल में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सम्मानित किया गया। इसी क्रम में धनंजय सोलंकी को तीरंदाजी में विद्यालयीन राज्य स्तरीय स्वर्ण पदक अर्जित करने पर सम्मान मिला। पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य के लिए सुनिल भाई ठाकुर, ग्राम ढेडगाँव मनावर को सम्मानित किया गया। उन्होंने 51 गाँवों में त्रिवेणी पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण तथा समाज में धार्मिक कार्यों के माध्यम से उल्लेखनीय योगदान दिया। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में युवराज शोभाराम भवेल, ग्राम टेमरनी (मनावर) को NEET UG 2025 में चयनित होकर GMC श्योपुरकला में प्रवेश प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। इसी तरह उपेन्द्र पिता जगदीश रावत, ग्राम कलवानी (मनावर) को पिपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल और बहादुर पिता शोभाराम चौहान, ग्राम डेहरी (धार) को चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल में चयनित होने पर सम्मान मिला। स्वास्थ्य एवं सामाजिक जागरूकता में उल्लेखनीय योगदान के लिए कीर्तिमान पटेल, ग्राम देलमी (धार) को सिकल सेल, थैलेसीमिया जागरूकता एवं रक्तदान अभियानों में सक्रिय भूमिका हेतु सम्मानित किया गया। जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भंगू सिंह रावत के अलावा अरविंद डावर,प्रकाश सोलंकी,अर्जुन राठौर,दिलीप मकवाना,रमेश मकवाना दरियाव सिंह मेड़ा,सीताराम सिंघारे आदि भी उपस्थित थे।

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