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धार जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबंधात्मक आदेश लागू

धार। खरीफ फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी संजीव केशव पाण्डेय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया है, जो 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर 2025 तक प्रभावी रहेगा।

स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य

किसानों को निर्देशित किया गया है कि कंबाईन हार्वेस्टर का उपयोग करते समय स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें। बिना इन उपकरणों के चलने वाले हार्वेस्टर पर जिला परिवहन अधिकारी और सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग निगरानी रखेंगे और उल्लंघन की स्थिति में वैधानिक कार्रवाई करेंगे।

पर्यावरण और मृदा को हानि

फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के लाभदायक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है। साथ ही वायु प्रदूषण और पर्यावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। किसानों को नरवाई का उपयोग मल्चिंग, भूसा बनाने और पशुओं के चारे के रूप में करने की सलाह दी गई है।

दंड का प्रावधान

मध्यप्रदेश शासन पर्यावरण विभाग की अधिसूचना एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के तहत नरवाई जलाने पर दंड अधिरोपित किया जाएगा।
   •   2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर ₹2500 प्रति घटना
   •   2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों पर ₹5000 प्रति घटना
   •   5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों पर ₹15000 प्रति घटना जुर्माना लगाया जाएगा।

पालन की जिम्मेदारी

उल्लंघन की स्थिति में कृषि विकास अधिकारी और पटवारी संयुक्त जांच कर प्रतिवेदन तहसीलदार को सौंपेंगे। तहसीलदार 7 दिन के भीतर सुनवाई कर दंड अधिरोपित करने का निर्णय लेंगे।

यह आदेश आमजनहित में जारी किया गया है और सार्वजनिक प्रचार माध्यमों के जरिए इसका प्रसार किया जाएगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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