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धार जिले में मादक पदार्थ, विस्फोटक पदार्थ ज्वलनशील पदार्थों के रोकथाम हेतु निरीक्षण दल गठित

 जिला दण्डाधिकारी प्रियंक मिश्रा ने धार जिले में मादक पदार्थ, विस्फोटक पदार्थ ज्वलनशील पदार्थों, केमिकल्स, विष अधिनियम 1919 के अन्तर्गत आने वाले पदार्थ आदि अवैध निर्माण व अवैध क्रय-विक्रय जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने व रोकथाम हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी के नेतृत्व में संबंधित विभागों का निरीक्षण दल गठित किये जाने का आदेश जारी किया है। आदेश के तहत अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र धार के लिये रोशनी पाटीदार, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र बदनावर के लिये दीपक चौहान, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र सरदारपुर आशा परमार, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र कुक्षी के लिये प्रमोदसिंह गुर्जर, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र मनावर एवं धरमपुरी के लिये राहुल गुप्ता एवं  अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग क्षेत्र पीथमपुर के लिये शाश्वत शर्मा के साथ अपने क्षेत्रान्तर्गत सम्बन्धित नगर पुलिस अधीक्षक, सम्बन्धित थाना प्रभारी, औषधी विभाग के औषधि निरीक्षक एवं उद्योग विभाग के महाप्रबंधकों को निरीक्षण दल में शामिल किया गया है।

     जिला दण्डाधिकारी श्री मिश्रा ने निर्देश दिये है कि उक्त निरीक्षण दल धार जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत सम्बन्धित नगर पुलिस अधीक्षक एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी से समन्वय कर निरीक्षण के दौरान आवश्यक पुलिस बल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। क्षेत्रान्तर्गत ऐसी निमार्ण इकाइयों की जाँच की जाएगी, जहां ड्रग, केमिकल्स आदि का निर्माण होता है। निरीक्षण के दौरान ऐसी निर्माण इकाइयों की जानकारी उद्योग विभाग, आबकारी विभाग, औषधि प्रशासन विभाग आयुष विभाग से प्राप्त की जाएगी। निरीक्षण के दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों की आवश्यकता पड़ने पर सहायक जिला आबकारी अधिकारी विक्रमदीप सांगर तथा आयुष विभाग के अधिकारियों की आवश्यकाता पड़ने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.एस. गेहलोत एवं आयुष आयुर्वेद अधिकारी डॉ. रमेशचन्द्र मुवेल से सम्पर्क कर प्राप्त किये जा सकते है। आबकारी विभाग द्वारा किसी निर्माण इकाई को यदि अल्कोहल, स्प्रिट आदि सम्बन्धित पदार्थ के लिये कोई लायसेंस जारी किया गया हो तो उसकी सूची सम्बन्धित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। इसी प्रकार आयुष विभाग द्वारा उनके विभाग से सम्बन्धित निर्माण इकाइयों की सूची भी सम्बन्धित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को उपलब्ध करावेंगे। उक्त जॉच में केमिकल्स, ड्रग इकाई के साथ-साथ अन्य ज्वलनशील, विस्फोटकों आदि की भी जाँच की जाएगी। कोरोना आदि के दौरान बंद हो गई निर्माण इकाइयों की भी जाँच कराई जाए कि कही वहां अवैध रूप से मादक या कोई संवेदनशील पदार्थों का निर्माण आदि सम्बन्धित गतिविधियां तो संचालित नहीं की जा रही है। ऐसे संस्थानों के स्वामी, संचालकों का आपराधिक इतिहास भी पुलिस के माध्यम से तस्दीक करा लिया जाए, विशेष रूप से देखा जाए कि किसी व्यक्ति का पूर्व का एनडीपीएस एक्ट से सम्बन्धित आपराधिक इतिहास तो नहीं रहा है। उपरोक्त निर्देशों के परिपेक्ष्य में आवश्यक जांच उपरान्त जांच प्रतिवेदन संयुक्त हस्ताक्षर से 7 दिवस के अंदर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

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