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प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण धार जिले की सीमांतर्गत आगामी आदेश तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति, पशुपालक द्वारा अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा जाता है तो संबंधित व्यक्ति, पशुपालक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना आदि द्वारा निर्मित सड़को पर आवारा गौवंश व अन्य मवेशियों के स्वच्छंद विचरण पर रोक लगाने हेतु आदेश जारी किया है। यदि किसी सड़क पर सड़क दुर्घटना के फलस्वरूप पशु मृत पाये जाते हैं तो उनके तत्काल निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, साथ ही घायल पशुओं के ईलाज हेतु उप संचालक पशु चिकित्सा धार से संपर्क कर तत्काल चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। पशुपालक गौवंश, मवेशियों को अपने घर में बांध कर रखें इस आशय की मुनादी स्थानीय नगर परिषद, नगर पालिका एवं ग्राम पंचायतों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गाे, राजकीय राजमार्गों एवं ग्राम की मुख्य सड़क मार्गाे पर स्थित ग्रामों में कराई जाना आवश्यक होगा। संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायत नगरीय निकाय, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे तथा यह गौवंश एवं मवेशियों को सड़क मार्गों पर स्वच्छंद विचरण करने से रोकने हेतु आवश्यकतानुसार कर्मचारियों को पाबंद करेंगे। पशुपालक बीमार, रोग्रस्त, विकलांग गौवंश, मवेशियों को किसी मार्ग अथवा सड़क पर नहीं छोड़ेगा। यदि ऐसा करना आवश्यक हो, तो संबंधित स्थानीय निकाय से संपर्क कर गौवंश को गौशाला संचालक को सौंपा जाये। यदि किसी पशुपालक के द्वारा आवारा छोड़ा गया गौवंश एवं अन्य मवेशियों को परिस्थितिवश गौशाला या अन्य सुरक्षित स्थान में प्रेषित किया जाता है तो उनके परिवहन व गौशाला में रहने की अवधि का खर्च भू-राजस्व की बकाया की भांति संबंधित पशुपालक से वसूली योग्य होगा। इस उल्लंघन की स्थिति में संबंधित प्रत्येक व्यक्ति, पशुपालक इस प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन का दोषी होगा। इस आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11 (1) एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 254 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा यह 26 दिसम्बर तक प्रभावशील रहेगा।

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