मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सजी सांस्कृतिक संध्या, “भारत का हृदय – मध्यप्रदेश गान” ने बांधा समा
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर पीजी कॉलेज के सभागृह में भव्य सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया। रंगारंग प्रस्तुतियों से सजी इस संध्या में “भारत का हृदय – मध्यप्रदेश गान” ने पूरे वातावरण को देशभक्ति और गौरव के भाव से ओतप्रोत कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत नूपुर कला केंद्र की बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत “मध्यप्रदेश गान” से हुई, जिसमें यह संदेश दिया गया कि “भारत का हृदय है मध्यप्रदेश” — जहां विंध्याचल का भाल है, नर्मदा का कलकल जल जीवनदायिनी बनकर बहता है, शिप्रा का अमृतकुंड है, और महाकाल के तिलक से पावन यह भूमि अपनी अनोखी पहचान रखती है। इसके बाद कलाकारों प्रगति अग्रवाल, शिवन्या डोड, मानवी डोडिया, गरिमा वर्मा, विधि चौधरी, अर्पिता गौतम, विधि बुंदेला, वेंदिका वड़नेरकर और ईशान श्रीवास्तव ने मनमोहक नृत्य व गायन प्रस्तुतियां दीं। उनकी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों की गूंज से सभागृह कई बार गुंजायमान हुआ। स्थानीय कलाकारों की लोक प्रस्तुतियों ने क्षेत्रीय संस्कृति का सुंदर चित्र प्रस्तुत किया।सीएम राइज स्कूल धार की बालिकाओं द्वारा दी गई प्रस्तुति “म्हारो प्यारो मध्यप्रदेश” और आदिवासी नृत्य को दर्शकों के खूब सराहा। संगीतमय संध्या को और भावपूर्ण बनाने में गायक कीर्तेश शुक्ला, यश कोशिक शर्मा और उनकी टीम ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने “मेरा मध्यप्रदेश है”, “तेरी मिट्टी में मिल जावां ” और “ज़िन्दगी मौत ना बन जाए ” जैसे गीतों के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति, मातृभूमि और लोकगौरव का भावपूर्ण चित्रण किया। इस अवसर पर जिले की विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। सम्मानित व्यक्तित्वों में पद्मश्री श्री भगवतीलाल राजपुरोहित (प्रख्यात इतिहासवेत्ता और लेखक), अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा, समीर वर्मा, प्रियांशु राजावत, तथा अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी ज्योतिरादित्य सिंह सिसोदिया एवं श्रेष्ठा सिंह सिसोदिया (कोद, बदनावर) शामिल रहे। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, विधायक नीना वर्मा, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मयंक अवस्थी, सीईओ अभिषेक चौधरी, नगर पालिका अध्यक्ष नेहा बोडाने, पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार, चंचल पाटीदार सहित बड़ी संख्या में नागरिक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, लोकगौरव और प्रतिभा का संगम बना यह समारोह न केवल रंगारंग प्रस्तुतियों से सजा, बल्कि “प्रदेश की आत्मा और गौरव का प्रतीक” बनकर अविस्मरणीय बन गया।