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मध्य प्रदेश न्यायपालिका के लिए “मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) के लिए क्लेमेंट प्रतिपूर्ति और डिपॉजिट सिस्टम के लिए डैशबोर्ड” का शुभारंभ किया

 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के कार्यपालक अध्यक्ष एवं भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत  द्वारा नालसा, नई दिल्ली में मध्य प्रदेश न्यायपालिका के लिए “मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) के लिए क्लेमेंट प्रतिपूर्ति और डिपॉजिट सिस्टम के लिए डैशबोर्ड” का शुभारंभ किया गया, जो मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया को गतिशीलता प्रदान कर और अधिक त्वरित एवं पारदर्शी बनाने मे सहायक सिद्ध होगा।
     मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा suo moto रिट याचिका (सिविल) संख्या 7/2024 में पारित आदेश  के अनुपालन में पहल करते हुए डैशबोर्ड विकसित किया गया है।  इस  डैशबोर्ड पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और कर्मचारी (कामगार) मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत दिए गए मुआवजे के संबंध में जमा की गई राशि से संबंधित जानकारी नियमित रूप से अपलोड की जाएगी।
      इस कार्यक्रम में  न्यायमूर्ति श्री जे.के. माहेश्वरी, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय,  न्यायमूर्ति श्री आलोक अराधे, न्यायाधीश,  सर्वोच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा, मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति श्री अतुल श्रीधरन, प्रशासनिक न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति श्री विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक, न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की गरिमामयी उपस्थिति रही। उक्त शुभारंभ कार्यक्रम मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला धार के भी न्यायिक अधिकारीगण द्वारा भी सहभागिता की गई।

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