लैंगिक उत्पीड़न के विरूद्ध शिकायत हेतु आंतरिक समितियों का गठन नहीं करने वाले शासकीय एवं निजी कार्यालय, संगठन के प्रमुख 50 हजार रूपये के जुर्माने से हो सकते हैं दंडित
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न रोकने हेतु लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम, 2013 एवं नियम 2013 में यह प्रावधान किया गया है कि ऐसे शासकीय, अशासकीय कार्यालय, बैंक, नर्सिंग होम, चिकित्सालय, विद्यालय, महाविद्यालय, औद्योगिक संस्थान आदि जहां पर 10 से 10 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है उन सभी स्थानों पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) के विरूद्ध शिकायत हेतु आंतरिक समितियों का गठन किया जाना अनिवार्य है। कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा द्वारा गत दिवस इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिये गये है कि जिले के समस्त शासकीय एवं निजी कार्यालयों में आंतरिक समिति का गठन कर गठन संबंधी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कार्यालय को 31 जुलाई तक निर्धारित की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुभाष जैन द्वारा बताया गया कि 1 अगस्त 2025 से ऐसे कार्यालय जहां आंतरिक समिति का गठन या तो नहीं किया गया या अधिनियम के निर्देश अनुरूप गठन नहीं किया गया है, ऐसे कार्यालय एवं संस्थानाअें के विरूद्व 50 हजार के जुर्माने से दंडित किये जाने हेतु अभियान चलाया जाएगा।